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लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई

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नई दिल्ली. संसद का शीतकालीन सत्र आज शुक्रवार, 19 दिसंबर 2025 को समाप्त हो गया है। राज्यसभा और लोकसभा दोनों सदनों में इस सत्र में हंगामे के बीच भी बेहतर चर्चा रही. इस सत्र का सबसे गंभीर मुद्दा जी राम जी विधेयक बना, जो कि राज्यसभा और लोकसभा दोनों सदनों से पास हो गया।

राज्यसभा और लोकसभा दोनों सदनों को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। अब अगला सत्र 2026 में बजट सेशन के साथ शुरू होगा।

लोकसभा में शीतकालीन सत्र समाप्त

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने 18वीं लोकसभा के शीतकालीन सत्र के खत्म होने की घोषणा की और इस सेशन को सफल बताया। ओम बिरला ने कहा कि इस सत्र में 15 सीटिंग सफल रहीं।

लोकसभा स्पीकर ने आगे कहा कि सदन के सभी लोगों ने इस सत्र में सक्रिय भागीदारी निभाई एवं सहयोग दिया। कुछ लोगों ने तो महत्वपूर्ण अवसरों पर देर रात तक भी काम किया। ओम बिरला ने कहा कि इस सत्र में लोकसभा ने 111 फीसदी की प्रोडक्टिविटी हासिल की।

शीतकालीन सत्र में पास हुए ये विधेयक

18वीं लोकसभा के शीतकालीन सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक पास हुए। इन विधेयकों में विकसित भारत रोजगार एवं आजीविका गारंटी मिशन (ग्रामीण) विधेयक 2025 (VB-G RAM G Bill), जो कि मनरेगा कि जगह लाया गया है। राज्यसभा में इस शीतकालीन सत्र में 92 घंटे काम हुआ, जिससे इस सदन ने 121 फीसदी प्रोडक्टिविटी हासिल की।

सदन के इस सत्र में अन्य विषयों की मांगों की पूर्ति के लिए मुद्दे उठाए गए, जिनमें वायु प्रदूषण और बीमा कानून संशोधनों पर बहस शामिल थी। पक्ष-विपक्ष दोनों तरफ के नेताओं ने सदन में देर रात का काम भी किया, जिससे लंबित कार्यों का निपटारा किया जा सके।

राज्यसभा अध्यक्ष ने जताया आभार

राज्यसभा का 269वां सत्र आज शुक्रवार को अध्यक्ष और उपाध्यक्ष सी.पी. राधाकृष्णन द्वारा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। अध्यक्ष ने सदन की समाप्ति की घोषणा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सदन के नेता जे.पी. नड्डा, विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे और सभी सदस्यों को उनके अभिनंदन और सहयोग के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया।

सी.पी. राधाकृष्णन के पदभार ग्रहण करने के बाद उच्च सदन की अध्यक्षता में यह उनका पहला सत्र था। सी.पी. राधाकृष्णन ने सदन को बताया कि इस सत्र में कई उल्लेखनीय काम हुए, जिनमें प्रतिदिन औसतन 84 से अधिक शून्यकाल नोटिसों का अभूतपूर्व आंकड़ा शामिल है, जो कि पिछले दो सत्रों की तुलना में 30.1 प्रतिशत ज्यादा है। शून्यकाल के दौरान प्रतिदिन 15 से अधिक मामले उठाए गए, जो लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाते हैं।

साभार : दैनिक जागरण

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