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सपा में दलितों के अत्याचार के प्रति कोई सहानुभूति व इच्छाशक्ति नहीं है : मायावती

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लखनऊ. उत्तर प्रदेश में सभी राजनीतिक दल अब चुनावी मोड में आ गए हैं। सभी दल अपनी-अपनी तैयारियों के चलते अपने-अपने एजेंडे पर बैटिंग करने लगे हैं। इसी क्रम में लंबे समय से प्रदेश की सत्ता से बाहर चल रही बहुजन समाज पार्टी भी चुनावी तैयारियों में जुट गई है।

एक ओर मायावती ने भतीजे आकाश आनंद की पार्टी में वापसी करके पार्टी में नया जोश भर दिया है, तो वहीं एक के बाद एक बैठकें करके मायावती पार्टी पदाधिकारियों को संगठन मजबूत करने के दिशा-निर्देश दे रही हैं। इसके साथ ही विरोधी दलों पर जमकर फायर भी हो रही हैं। रविवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने समाजवादी पार्टी को आड़े हाथों ले लिया है। मायावती ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस की तरह सपा भी दलितों और बहुजनों की कभी भी सच्ची हितैषी नहीं हो सकती है। मायावती ने अखिलेश यादव पर चुन-चुन कर हमले किए।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि कांग्रेस, बीजेपी की तरह सपा भी बहुजनों में से खासकर दलितों को इनका संवैधानिक हक देकर इनका वास्तविक हित, कल्याण और उत्थान करना तो दूर, इनकी गरीबी, जातिवादी शोषण और अन्याय-अत्याचार खत्म करने के प्रति कोई सहानुभूति व इच्छाशक्ति नहीं है। जिस कारण वे लोग मुख्यधारा से कोसों दूर हैं। मायावती ने सपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सपा का बसपा से विश्वासघात, 2 जून का जानलेवा हमला (गेस्ट हाउड कांड), प्रमोशन में आरक्षण का बिल संसद में फाड़ना, इनके संतों, गुरुओं और महापुरुषों के सम्मान में बनाए गए नए जिले, पार्क, शिक्षण व मेडिकल कालेजों का नाम बदलना ऐसे घोर जातिवादी कृत्य हैं, जिसको माफ करना असंभव है।

पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि बसपा अपने लगातार प्रयासों से यहां जातिवादी व्यवस्था को खत्म करके समतामूलक समाज और सर्वसमाज में भाईचारा बनाने के अपने मिशन में काफी हद तक सफल रही है। उसको सपा अपने संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए बिगाड़ने में हर प्रकार से लगी हुई है। मायावती ने कहा कि इसको लेकर लोग जरूर सावधान रहें। साथ ही मायावती ने कहा कि स्पष्ट है कि कांग्रेस और बीजेपी की तरह ही सपा भी अपनी नीयत और नीति में खोट, द्वेष के कारण कभी भी दलितों-बहुजनों की सच्ची हितैषी नहीं हो सकती है, लेकिन इनके वोटों के स्वार्थ की खातिर लगातार छलावा करती रहेगी, जबकि बसपा बहुजन समाज को शासक वर्ग बनाने को समर्पित और संघर्षरत है।

साभार : नवभारत टाइम्स

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