बेंगलुरु. आखिरकार कर्नाटक विधानसभा में शुक्रवार को वो चर्चित बिल पास किया गया जिसमें मुस्लिम समुदाय को सरकारी ठेकों में आरक्षण देने का प्रावधान है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की सरकार ने इस बिल में मुस्लिम समुदाय के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की है. इस फैसले का विपक्षी बीजेपी ने कड़ा विरोध किया और इसे असंवैधानिक बताते हुए कानूनी चुनौती देने की बात कही. इतना ही नहीं इस दौरान विधानसभा में भारी हंगामा देखने को मिला.
बिल की कॉपी स्पीकर की ओर उछाल दी
असल में बिल पास होने के दौरान विधानसभा में बवाल हो गया. बीजेपी नेताओं ने सदन के भीतर जोरदार नारेबाजी की और विरोध जताने के लिए स्पीकर की सीट पर चढ़ गए. इतना ही नहीं उन्होंने बिल की कॉपी फाड़कर स्पीकर की ओर उछाल दी जिससे सदन का माहौल तनावपूर्ण हो गया. इस दौरान बीजेपी के सदस्य सीडी लहराते भी दिखे. उनकी मांग थी कि हनी ट्रैप घोटाले पर चर्चा चाहिए.
हनी ट्रैप घोटाले पर चर्चा की मांग
बीजेपी विधायक भरत शेट्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री को हनी ट्रैप घोटाले पर चर्चा करनी चाहिए थी लेकिन उन्होंने मुस्लिम आरक्षण बिल पेश कर दिया. इसके बाद भाजपा नेताओं ने विरोध किया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस विधायकों ने भी सदन में कागज फाड़े और किताबें फेंकी लेकिन उन्होंने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया. उधर कांग्रेस सरकार ने इस बिल का बचाव करते हुए कहा कि यह अल्पसंख्यकों को सामाजिक न्याय और आर्थिक अवसर देने के लिए लाया गया है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि यह कदम समावेशी विकास और सकारात्मक भेदभाव की नीति के तहत उठाया गया है.
ब्लैकमेलिंग और फंसाने का जरिया बताया
इस बीच हनी ट्रैप घोटाले का मामला भी विधानसभा की कार्यवाही में हावी रहा. सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना के खुलासे के बाद बीजेपी नेताओं ने इसका विरोध करते हुए सदन में सीडी लहराई जिसे ब्लैकमेलिंग और फंसाने का जरिया बताया गया. इस मुद्दे पर दोनों पक्षों में तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली.
साभार : जी न्यूज
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