कोलकाता. पश्चिम बंगाल में ममता सरकार ने 116 साल पुराने कानून में बदलाव करते हुए शराब दुकानों में महिलाओं को काम करने की इजाजत दे दी है। अब बार या कैफे में भी महिलाएं काम कर सकती हैं और शराब परोस सकती हैं। पिछले बुधवार पश्चिम बंगाल विधानसभा में ये बिल पास कराया गया था। ऐसे में बंगाल एक्साइज एक्ट 1909 में संशोधन कर ऑन शॉप शराब दुकानों में महिलाओं के काम करने पर लगे प्रतिबंध को हटाया गया। पश्चिम बंगाल वित्त विधेयक, 2025 को राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने विधानसभा में पेश किया। इसके पारित होने के बाद महिलाओं को बार या शराब की दुकान में काम करने की इजाजत मिल गई है।
अब इस बारे में बीजेपी का कहना है कि राज्य में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। इन हालातों में बार में काम करते वक्त महिलाओं को सुरक्षा कौन देगा? इसी का विरोध करते हुए पश्चिम बंगाल भाजपा महिला मोर्चा की तरफ से प्रोटेस्ट मोर्चा निकाला गया। कॉलेज स्क्वेयर से शुरू होते हुए यह मार्च बहु बाजार के एक्साइज डिपार्टमेंट ऑफिस तक पहुंचा।
ऑन कैटेगरी और ऑफ कैटेगरी दुकानें क्या हैं?
जिन दुकानों में शराब खरीदने के साथ बैठकर पीने की भी व्यवस्था होती है, उन्हें ऑन कैटेगरी शराब दुकान कहते हैं। वहीं, जिन दुकानों में ग्राहक सिर्फ शराब खरीद सकते हैं। वहां बैठकर पी नहीं सकते, उन दुकानों को ऑफ कैटेगरी दुकान कहा जाता है। यहां से शराब सिर्फ खरीदी जा सकती है।
इन राज्यों में महिलाओं को शराब परोसने की अनुमति
बेंगलुरू, दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों में महिलाएं लाइसेंस प्राप्त बार या रेस्ट्रां में काम कर सकती हैं। इसके अलावा केरल और गोवा में भी महिलाओं को बार में काम करने की इजाजत है। आबकारी विभाग इसके लिए एफएल-3 लाइंसेस जारी करता है। जिन बार के पास यह लाइसेंस होता है, वह महिलाओं को काम पर रख सकते हैं।
साभार : इंडिया टीवी
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