
समालखा। वंश लेखकों के उत्थान, विकास एवं वंशावली परम्परा के संरक्षण के लिए 2010 से कार्यरत ‘अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण एवं संवर्धन संस्थान’ की दो दिवसीय अखिल भारतीय बैठक हरियाणा के समालखा स्थित ‘सेवा साधना एवं ग्राम विकास केन्द्र – पट्टी कल्याण’ में 20-21 दिसम्बर, 2025 को सम्पन्न हुई।
बैठक में मुख्य अतिथि धर्म जागरण समन्वय के अ. भा. प्रमुख शरद ढोले जी ने वंशावली लेखकों को अपने कार्य को युगानुरूप विकसित करते हुए, अपनी बहियों को डिजिटल करने, निष्क्रिय वंश लेखकों को अपने यजमानों के पास जाने के लिए सक्रिय करने तथा विश्व की इस अनूठी परम्परा के संरक्षण का आह्वान किया।
संस्थान के अखिल भारतीय अध्यक्ष परमेश्वर ब्रह्माभट्ट ने अखिल भारतीय कार्यकारिणी एवं प्रान्त संयोजकों को बताया कि संस्थान के दो अनिवार्य कार्यक्रम – स्थापना दिवस, जो जुलाई में जिला स्तर पर किया गया था; इस वर्ष देश में 50 जिलों में मनाया गया। साथ ही कार्यकर्ताओ ने वसंत ऋतु में सरस्वती पूजन जो आगामी 19 जनवरी से 01 फरवरी के मध्य आयोजित होंगे, देश के 300 वंशावली लेखक युक्त ग्रामों – कस्बों में करने की योजना बनाई गई है।
परमेश्वर ब्रह्मभट्ट ने वंशावली संस्थान की अभी तक की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि अनेक टुकड़ों यथा जागा, राव, भाट, बारोठ, बड़वा इत्यादि को एक सूत्र में पिरोते हुए आपस के
भेद एवं दूरियां कम करने का महती कार्य संस्थान ने किया तथा देश भर में भिन्न भिन्न नामों से जाने जाने वालों को एक नाम ‘वंश लेखक’ देकर एक साथ चलने की भूमिका संस्थान ने निभाई है। वंशावली संस्थान के प्रयासों से अनेक यजमानी छोड़ चुके वंश लेखकों ने पुनः इस कार्य के लिए जाना प्रारम्भ कर दिया है।
संस्थान के महासचिव बाबूलाल भाट ने बताया कि संस्थान ने एक और कार्यक्रम देश के सभी प्रांतों में ‘युवा प्रशिक्षण वर्ग’ प्रारम्भ करने की योजना तय की है। इन वर्गों में लिपि पढ़ना, लिखना एवं वाचन
की पद्धति का अभ्यास करवाया जाएगा । बैठक में धर्म जागरण के अखिल भारतीय कार्यकर्त्ता अरुण कान्त एवं श्याम वसंत राव हरकरे ने भी कार्यकर्ताओं का प्रबोधन किया। बैठक में 10 प्रांतों के 120 प्रमुख कार्यकर्त्ता सम्मिलित हुए।
साभार : विश्व संवाद केंद्र
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