भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) की 2 पीसीवी परियोजना के तहत 23 दिसंबर 2025 को पहला स्वदेशी प्रदूषण नियंत्रण पोत (पीसीवी)– समुद्र प्रताप (यार्ड 1267) को अपने बेड़े में शामिल किया। 60 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी घटकों से युक्त इस पोत का आईसीजी बेड़े में शामिल होना सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ पहलों के दृष्टिकोण को सुदृढ़ करता है।
‘समुद्र प्रताप’ भारतीय तटरक्षक बल का स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और निर्मित पहला प्रदूषण नियंत्रण पोत है। यह तटरक्षक बल के बेड़े का सबसे बड़ा पोत है, जो तटरक्षक बल की परिचालन क्षमता और पहुंच को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाता है। 114.5 मीटर लंबा और 16.5 मीटर चौड़ा, 4,170 टन विस्थापन क्षमता वाला यह पोत अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित है, जिसमें 30 मिमी सीआरएन–91 तोप, एकीकृत अग्नि नियंत्रण प्रणाली से लैस दो 12.7 मिमी स्थिर रिमोट–नियंत्रित तोपें, स्वदेशी रूप से विकसित एकीकृत ब्रिज सिस्टम, एकीकृत प्लेटफॉर्म प्रबंधन प्रणाली, स्वचालित विद्युत प्रबंधन प्रणाली और एक उच्च क्षमता वाली बाहरी अग्निशमन प्रणाली शामिल हैं।
प्रदूषण नियंत्रण पोत भारतीय तटरक्षक बल का पहला ऐसा पोत है जो डायनामिक पोजिशनिंग क्षमता (डीपी–1) से लैस है और इसे एफआईएफआई–2/एफएफवी–2 प्रमाणन प्राप्त है। यह तेल रिसाव का पता लगाने के लिए उन्नत प्रणालियों से सुसज्जित है, जैसे कि ऑयल फिंगरप्रिंटिंग मशीन, जाइरो स्टेबलाइज्ड स्टैंडऑफ एक्टिव केमिकल डिटेक्टर और पीसी लैब उपकरण, जो विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र और उसके बाहर व्यापक प्रदूषण प्रतिक्रिया अभियानों को चला सकता हैं। यह उच्च परिशुद्धता संचालन करने, गाढ़े तेल से प्रदूषकों को पुनर्प्राप्त करने, संदूषकों का विश्लेषण करने और दूषित पानी से तेल को अलग करने में सक्षम है।
दीक्षांत समारोह में डीआईजी वीके परमार, पीडी (एमएटी), आईसीजी; श्री ब्रजेश कुमार उपाध्याय, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, जीएसएल और आईसीजी तथा जीएसएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
Matribhumisamachar


