टोरंटो. कनाडा ने 24 अप्रैल को होने वाले आम चुनाव से पहले भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कनाडा का कहना है कि भारत चुनावों में हस्तक्षेप करने की कोशिश कर सकता है, क्योंकि दोनों देशों के आपसी संबंध अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुके हैं. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, कनाडा की खुफिया एजेंसी ने सोमवार को दावा किया कि भारत और चीन आगामी कनाडाई आम चुनाव में दखल देने की कोशिश कर सकते हैं. इसके अलावा, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि रूस और पाकिस्तान भी इसी तरह का प्रयास कर सकते हैं. नवनियुक्त प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने 28 अप्रैल को त्वरित चुनाव कराने का निर्णय लिया है.
ठीक नहीं चल रहे हैं दोनों देशों के रिश्ते
कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा (CSIS) ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब ओटावा और नई दिल्ली के संबंध बेहद संवेदनशील दौर से गुजर रहे हैं. दरअसल कनाडा पर अपनी धरती पर सक्रिय भारत विरोधी तत्वों और खालिस्तानी समर्थकों को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे हैं. इसके अलावा कनाडा पहले भी खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के दावे कर चुका है.
AI के जरिए चुनावी हस्तक्षेप का दावा
कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा (CSIS) की उप निदेशक वैनेसा लॉयड ने कहा कि शत्रुतापूर्ण सरकारी तत्व चुनावों में दखल देने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का तेजी से उपयोग कर रहे हैं. रॉयटर्स के मुताबिक, लॉयड ने कहा, ‘इस बात की प्रबल संभावना है कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (PRC) मौजूदा चुनाव में कनाडा की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए AI-समर्थित उपकरणों का इस्तेमाल करेगा.’ उन्होंने आगे कहा, ‘हमने यह भी देखा है कि भारत सरकार के पास कनाडाई समुदायों और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप करने की मंशा और क्षमता दोनों हैं.’
पहले भी लगा चुका है ऐसे आरोप
कनाडा पहले भी इसी तरह के आरोप लगा चुका है, जिन्हें भारत ने पूरी तरह खारिज कर दिया था. पिछले साल पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो 2019 और 2021 के कनाडाई चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप की जांच कर रही समिति के सामने पेश हुए थे, जहां उन्होंने विदेशी ताकतों द्वारा चुनावों को प्रभावित करने के आरोपों का सामना किया था. हाल के महीनों में भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक संबंधों में गंभीर तनाव देखने को मिला है. दोनों देशों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप के बाद अपने-अपने मिशन प्रमुखों सहित कई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था, जिससे यह गतिरोध और गहरा गया.
साभार : एबीपी न्यूज
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