क्वेटा. बलूचिस्तान में एक वरिष्ठ पत्रकार की गोली मार कर हत्या कर दी गई। पाकिस्तान आर्मी से जुड़े मिलिशिया ने घर में घुसकर उनके ही पत्नी और बच्चे के सामने से पत्रकार को मौत के घाट उतार दिया। इससे पहले बेटे समेत उनके परिवार के चार सदस्यों की भी हत्या कर दी गई थी। आइए जानते हैं कि क्या है पूरा मामला? यह घटना बलूचिस्तान प्रांत के अवारन जिले में हुई। पाकिस्तानी आर्मी समर्थित मिलिशिया ने बलूचिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार अब्दुल लतीफ बलूच को गोलियां मार दीं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। मिलिशिया एक नागरिक सशस्त्र बल है, जो किसी देश या क्षेत्र की रक्षा के लिए नियमित सेना के अतिरिक्त कार्य करता है। आमतौर पर आपातकाल या युद्ध की स्थिति में मिलिशिया का गठन किया जाता है।
पत्रकार को सच बोलने की मिली सजा
अब्दुल लतीफ दैनिक इंतखाब, आज न्यूज के लिए काम कर चुके थे। वे उत्पीड़ितों की आवाज उठाते थे और बलूच की पीड़ा, प्रतिरोध एवं साहस के दस्तावेजी थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान का एक ऐसा देश है, जहां सच बोलने पर गोलियों की सजा दी जाती है, इसलिए अब्दुल लतीफ की भी हत्या कर दी गई।
सुरक्षा बलों ने अपहरण कर पत्रकार के परिजनों की की थी हत्या
उनकी हत्या कोई अलग-थलग घटना नहीं है, यह पाकिस्तान की चल रही ‘मार डालो और फेंक दो’ नीति का हिस्सा है, जो बलूच पहचान को मिटाने और विरोध करने वाले सभी लोगों को चुप कराने की एक नरसंहार नीति है। कुछ ही महीने पहले फरवरी में सुरक्षा बलों की ओर से अब्दुल लतीफ के बेटे सैफ बलूच और उनके परिवार के सदस्यों का अपहरण कर लिया गया था। बाद में उनकी हत्या कर दी गई।
साभार : न्यूज24
भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं
Matribhumisamachar


