जम्मू और कश्मीर हमेशा भारत का एक अभिन्न और अविभाज्य अंग रहेगा

यह दोहराते हुए कि जम्मू और कश्मीर हमेशा भारत का एक अभिन्न और अविभाज्य अंग रहेगा , राजदूत ने कहा कि क्षेत्र के लोग अपने मौलिक अधिकारों का प्रयोग करते हैं, लेकिन ऐसी अवधारणाएं पाकिस्तान के लिए विदेशी हैं । उन्होंने कहा कि मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग रहा है, है और हमेशा रहेगा। जम्मू-कश्मीर के लोग भारत की समय-परीक्षित लोकतांत्रिक परंपराओं और संवैधानिक ढांचे के अनुसार अपने मौलिक अधिकारों का प्रयोग करते हैं।

पार्वथानेनी हरीश ने वसुधैव कुटुम्बकम के प्रति भारत की प्रतिबद्धता, विश्व को एक परिवार के रूप में देखने तथा सभी के लिए न्याय, सम्मान और समृद्धि की वकालत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह न केवल हमारे विश्व-दृष्टिकोण का आधार है, बल्कि यही कारण है कि भारत ने सभी समाजों और लोगों के लिए न्याय, सम्मान, अवसर और समृद्धि की निरंतर वकालत की है। यही कारण है कि भारत बहुपक्षवाद, अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी और सहयोग में अपना विश्वास रखता है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बहस को संबोधित करते हुए, भारतीय राजदूत ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से संयुक्त राष्ट्र के योगदान पर प्रकाश डाला, साथ ही इसकी प्रासंगिकता, वैधता, विश्वसनीयता और प्रभावकारिता के बारे में प्रश्नों को भी स्वीकार किया।