मुंबई. निजी क्षेत्र के इंडसइंड बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में अकाउंटिंग संबंधी घोटाले की जांच गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) ने शुरू कर दी है। अकाउंटिंग धोखाधड़ी से बैंक को 1,960 करोड़ रुपये का वित्तीय नुकसान हुआ था। बैंक ने बुधवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, 23 दिसंबर को उसे जांच संबंधी पत्र मिला है।
यह आदेश ऐसे समय में आया है, जब मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) फंड की हेराफेरी या गबन का कोई सबूत न मिलने के बाद प्रारंभिक जांच को बंद करने की योजना बना रही है। ईओडब्ल्यू ने कहा, अगस्त से चल रही उसकी प्रारंभिक जांच में फंड की हेराफेरी या डायवर्जन का कोई सबूत नहीं मिला है। ऐसे में प्रारंभिक शिकायत यानी एफआईआर दर्ज करने की आवश्यकता नहीं है।
बैंक ने कहा, बाहरी लेखा परीक्षक ने अप्रैल में डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में अकाउंटिंग विसंगतियों के कारण 31 मार्च, 2025 तक लाभ और हानि पर विपरीत लेखांकन प्रभाव 1,959.98 करोड़ रुपये बताया था। 15 अप्रैल को इंडसइंड बैंक ने एक अन्य बाहरी एजेंसी की आधार रिपोर्ट का खुलासा किया था। इसमें बताया गया कि डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में लेखांकन संबंधी त्रुटियों के कारण बैंक की शुद्ध संपत्ति पर 1,979 करोड़ रुपये का नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
साभार : अमर उजाला
‘गांधी जी की राजनीतिक यात्रा के कुछ पन्ने’ पुस्तक के बारे में जानने के लिए लिंक पर क्लिक करें :
https://matribhumisamachar.com/2025/12/10/86283/
आप इस ई-बुक को पढ़ने के लिए निम्न लिंक पर भी क्लिक कर सकते हैं:
https://www.amazon.in/dp/B0FTMKHGV6
यह भी पढ़ें : 1857 का स्वातंत्र्य समर : कारण से परिणाम तक
Matribhumisamachar


