नई दिल्ली. बिहार के बाद देश के 12 राज्यों में वोटर लिस्ट के शुद्धिकरण काम शुरू हो गया है. सोमवार को चुनाव आयोग ने यूपी और पश्चिम बंगाल समेत 12 राज्यों में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का ऐलान किया. यह प्रक्रिया सोमवार आधी रात वोटर लिस्ट फ्रीज होने से लेकर 7 फरवरी तक चलेगी. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूरी प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने पश्चिम बंगाल में एसआईआर को लेकर बार-बार पूछे जा रहे सवालों पर कहा कि संवैधानिक संस्थाओं को अपना दायित्व निभाना होता है. मतदान सूची या मतदान कराने के लिए जिन भी चुनावी कर्मियों की जरूरत चुनाव आयोग होगी, वह राज्य सरकार मुहैया करवाकर डेप्युटेशन पर देने के लिए बाध्य है.
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि वोट गणना (Enumeration) के फेज में वोटर लिस्ट में मौजूद लोगों का 2002-2004 की लिस्ट से मिलान होगा. उनका या उनके वंशजों के नाम का मिलान न होने पर उनको नोटिस जारी होगा. उनको कागज दिखाने होंगे. उनको यह बताना होगा कि 2003 में वे कहां थे. विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का दूसरा चरण 12 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में होगा. इन 12 राज्यों में पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पुडुचेरी, मध्य प्रदेश, लक्षद्वीप, केरल, गुजरात, गोवा, छत्तीसगढ़ और अंडमान एवं निकोबार शामिल हैं.
BLO और AERO की ट्रेनिंग कल से शुरू
BLO और AERO की ट्रेनिंग कल से शुरू होगी. चुनाव विभाग ने सभी राजनीतिक पार्टियों से अपील की है कि वे अपने बूथ लेवल एजेंट्स की नियुक्ति जल्द से जल्द कर दें. कल और परसों के दौरान चुनाव अधिकारी सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे.
3 बार BLO मतदाताओं के घर जाएंगे
BLO यानी बूथ लेवल ऑफिसर मतदाताओं के घर 3 बार जाएंगे. ऑनलाइन भी फॉर्म भरने की सुविधा रहेग.स्थाई तौर पर दूसरे जगह शिफ्ट हो चुके और दो जगह पर रजिस्टर्ड मतदाताओं की पहचान भी BLO करेगा.
SIR पर क्या बोले मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार
चुनाव आयोग बिहार के बाद अब देश के 12 राज्यों में भी एसआईआर का ऐलान कर दिया है. चुनाव आयोग ने कहा कि बिहार में एसआईआर का पहला चरण सफलता के साथ पूरा हो चुका है. अब इसका दूसरा चरण 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चलेगा. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा,’ एसआईआर का फेज वन खत्म हो गया. बिहार के साढ़े सात करोड़ वोटरों ने बढ़ चढ़कर इसमें हिस्सा लिया. 90 हजार बीएलओ और राजनीतिक दलों ने मिलकर मतदाता सूची को शुद्ध बनाने का काम किया. बिहार की मतदाता सूची बिल्कुल साफ हो गई है.’
देश के 12 राज्यों में होगा SIR
चुनाव आयोग ने देश के 12 राज्यों में एसआईआर का ऐलान किया है. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार इस वक्त प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे हैं. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, “…एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) का दूसरा चरण 12 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में चलाया जाने वाला है.”
बंगाल, तमिलनाडु जैसे राज्यों पर फोकस
चुनाव आयोग के सूत्रों का कहना है कि ऑल इंडिया SIR की कवायद चरणबद्ध तरीके से देश भर में की जाएगी. प्रथम चरण में विधानसभा चुनाव वाले राज्यों समेत 10 प्रांतों को शामिल किया जाएगा. इनमें पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी शामिल हो सकते हैं. फिर आगे अन्य राज्यों में वोटर लिस्ट रिवाइज की जाएगी. जिन राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, वहां पर वोटर लिस्ट की समीक्षा आयोग की प्राथमिकता होगी. अधिकारियों का कहना है कि ऐसे राज्य जहां पर स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं वहां अभी एसआईआर नहीं किया जाएगा.
आखिर क्या है SIR
- चुनाव आयोग की ओर से यह मतदाता सूची में सुधार की एक प्रक्रिया है, जिसमें वोटर लिस्ट अपडेट की जाती है.
- इसमें 18 साल से अधिक उम्र के नए मतदाताओं को जोड़ा जाता है.
- जिन लोगों की मौत इस दौरान हो चुकी है, या जो पलायन कर चुके होते हैं, उनके नाम हटाए जाते हैं.
- वोटर लिस्ट में नाम, पते और अन्य त्रुटियों को भी संशोधित करके ठीक किया जाता है
- बूथ लेवल ऑफिसर यानी बीएलओ खुद घर-घर जाकर फॉर्म भरवाते हैं.
- राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट इसमें BLO की मदद करते हैं.
SIR अनंतिम सूची की तरह
वोटर लिस्ट रिवीजन से तैयार SIR कट ऑफ डेट के तौर पर काम करती है. बिहार की 2003 की वोटर लिस्ट का इस्तेमाल चुनाव आयोग ने SIR के लिए किया है. राज्यों में वोटर लिस्ट का आखिरी बार SIR 2002 और 2004 के बीच हुआ था.
मतदाता सूची को अपडेट करना मकसद
तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुडुचेरी में अगले छह महीनों के भीतर विधानसभा चुनाव होने हैं. SIR का मकसद मतदाता सूची में दोहराव को खत्म करना और अपडेटेट वोटर लिस्ट तैयार करना है.
SIR क्यों जरूरी
देश में शहरीकरण और आबादी बढ़ने की वजह से बड़े पैमाने पर पलायन हुआ है. दिल्ली, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश से लेकर देश के सभी बड़े राज्यों में जनसंख्या तेजी से बढ़ी है. वोटर लिस्ट में घुसपैठ का मुद्दा भी उठता रहा है और एसआईआर इस मुद्दे से भी निपट सकती है.
साभार : एनडीटीवी
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