शनिवार, दिसंबर 06 2025 | 12:34:13 AM
Breaking News
Home / राज्य / उत्तरप्रदेश / पूर्व केंद्रीय मंत्री और कानपुर से सांसद रहे श्रीप्रकाश जायसवाल का निधन

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कानपुर से सांसद रहे श्रीप्रकाश जायसवाल का निधन

Follow us on:

कानपुर. भारत के पूर्व केंद्रीय मंत्री और सीनियर कांग्रेस लीडर श्रीप्रकाश जायसवाल का शुक्रवार को लंबी बीमारी के बाद कानपुर में निधन हो गया. जायसवाल, जो केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और बाद में कोयला मंत्री के रूप में काम कर चुके थे, लंबे समय से बीमार थे. अस्पताल के अधिकारियों के मुताबिक, दिन में पहले उनकी हालत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें कानपुर कार्डियोलॉजी अस्पताल (Kanpur Cardiology hospital) ले जाया गया. डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. कार्डियोलॉजी के डायरेक्टर राकेश वर्मा (Rakesh Verma) ने पुष्टि की कि “श्री श्रीप्रकाश जायसवाल को अस्पताल लाए जाने तक उनकी मृत्यु हो चुकी थी.”

कांग्रेस अध्यक्ष ने जताया दुख
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने श्रीप्रकाश जायसवाल के निधन पर शोक जताया, उन्होंने एक्स पर लिखा, ” यूपीए सरकार में मेरे सहयोगी रहे, पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्रीप्रकाश जायसवाल जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है. वो एक सच्चे और निष्ठावान कांग्रेसी थे जिन्होंने कानपुर के विकास व कल्याण के लिए पूरी ईमानदारी से जनसेवा का कार्य किया. उनका जाना कांग्रेस पार्टी के लिए भी एक बड़ी क्षति है. दुख की इस घड़ी में उनके परिवारजनों व समर्थकों के प्रति मैं अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना करता हूं.

पॉलिटिकल करियर
जायसवाल का पॉलिटिकल करियर लंबा और शानदार रहा. 25 सितंबर 1944 को कानपुर में जन्मे जायसवाल कानपुर सीट से 3 बार लोकसभा सांसद रहे. पहली बार 1999 में जीते और 2004 और 2009 में दोबारा चुनाव जीते. नेशनल लेवल पर, उन्होंने अहम मिनिस्ट्री के पद संभाले. मई 2004 से मई 2009 तक, वो गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री थे. बाद में, जनवरी 2011 से मई 2014 तक, उन्होंने मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) की यूपीए सरकार (UPA government) में कोयला मंत्री के तौर पर काम किया. केंद्र सरकार में अपने रोल के अलावा, जायसवाल ने दिसंबर 2000 से जुलाई 2002 के बीच उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रेसिडेंट के तौर पर भी काम किया.

साभार : जी न्यूज

‘गांधी जी की राजनीतिक यात्रा के कुछ पन्ने’ पुस्तक के बारे में जानने के लिए लिंक पर क्लिक करें :

https://matribhumisamachar.com/2025/12/10/86283/

आप इस ई-बुक को पढ़ने के लिए निम्न लिंक पर भी क्लिक कर सकते हैं:

https://www.amazon.in/dp/B0FTMKHGV6

यह भी पढ़ें : 1857 का स्वातंत्र्य समर : कारण से परिणाम तक

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

अब मैं समाज सुधारकों के स्मारकों पर उनकी जयंती और पुण्यतिथि पर नहीं जाउंगी : मायावती

लखनऊ. बसपा सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि अब …