नई दिल्ली. नेशनल हेराल्ड मामले ने एक बार फिर राजनीतिक हलचल मचा दी है. दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी के खिलाफ नई एफआईआर दर्ज कर ली है. इसमें आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और विश्वासघात जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं. ED ने 9 अप्रैल,2025 को सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और डोटेक्स के प्रमोटर के खिलाफ नेशनल हेराल्ड/एसोसिएटेड जर्नल्स प्राइवेट लिमिटेड (AJL) से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक चार्जशीट दायर की थी.
चार्जशीट में आरोपी
- सोनिया गांधी (आरोपी संख्या 1)
- राहुल गांधी (आरोपी संख्या 2)
- सुमन दुबे (आरोपी संख्या 3)
- सैम पित्रोदा (आरोपी संख्या 4)
- मेसर्स यंग इंडियन (आरोपी संख्या 5)
- मेसर्स डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड (आरोपी संख्या 6)
- सुनील भंडारी (आरोपी संख्या 7)
कोर्ट के आदेश से शुरू हुआ विवाद, ED ने दायर की चार्जशीट
ये मामला 26 जून 2014 को पटियाला हाउस कोर्ट के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा लिए गए आदेश से शुरू हुआ था. दरअसल, 2013 में सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और मेसर्स यंग इंडियन के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई थी. ED ने 9 अप्रैल 2025 को PMLA के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में चार्जशीट दायर की. इसमें कथित तौर पर ₹5000 करोड़ से अधिक के बाजार मूल्य की अपराध की आय शामिल है, जबकि कुल अपराध की आय ₹2000 करोड़ बताई गई है.
₹2000 करोड़ की संपत्ति हड़पने का आरोप
2010 में, AJL (एक गैर-सूचीबद्ध सार्वजनिक कंपनी), यंग इंडियन (YI) के प्रमुख अधिकारियों और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के प्रमुख पदाधिकारियों पर ₹2000 करोड़ (लगभग) की AJL की संपत्तियों को हड़पने की आपराधिक साजिश रचने का आरोप है. यह साजिश AJL के 99% शेयर केवल ₹50 लाख में यंग इंडियन (एक निजी कंपनी) को ट्रांसफर करके पूरी की गई. यंग इंडियन में श्रीमती सोनिया गांधी और श्री राहुल गांधी की हिस्सेदारी मिलाकर 76% थी.
आरोप है कि आरोपियों ने आपराधिक साजिश रचकर AICC द्वारा AJL को दिए गए ₹90.21 करोड़ के बकाया लोन को ₹9.02 करोड़ के इक्विटी शेयरों में बदल दिया और ये सारे शेयर यंग इंडियन को केवल ₹50 लाख में ट्रांसफर कर दिए.
गांधी परिवार की हिस्सेदारी 76%
AJL की ज्यादा हिस्सेदारी YI को ट्रांसफर करने से, AJL की हजारों करोड़ की सभी संपत्तियों सोनिया गांधी और राहुल गांधी का कब्जा हो गया. जांच से पता चला है कि यंग इंडियन को प्रभावी रूप से राहुल गांधी और सोनिया गांधी नियंत्रित करते थे, क्योंकि उनके पास इसके 76% शेयर थे. बाकी 24% शेयर स्वर्गीय मोतीलाल वोरा और स्वर्गीय ऑस्कर फर्नांडिस के पास थे, जो सोनिया गांधी और राहुल गांधी के करीबी सहयोगी थे. यंग इंडियन को धारा 25 कंपनी एक्ट के तहत चैरिटी लिए रजिस्टर्ड कराया गया था, लेकिन जांच से पता चला कि कंपनी में चैरिटी का कोई काम नहीं किया गया.
गांधी परिवार को नहीं मिली राहत, 752 करोड़ की संपत्ति अटैच की
गांधी परिवार ने पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश को दिल्ली उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट दोनों में चुनौती दी, लेकिन अदालतों ने कोई राहत नहीं दी. चूंकि यह मामला हजारों करोड़ की AJL की संपत्तियों और शेयरों के रूप में अपराध की आय बनाने, कब्जे और उपयोग से संबंधित है, इसलिए ₹752 करोड़ (लगभग) मूल्य की AJL की संपत्तियों को सुरक्षित करने के लिए ED ने 20 नवंबर 2023 को अटैच करने का आदेश जारी किया था, जिसकी निर्णायक प्राधिकारी (Adjudicating Authority) ने पुष्टि कर दी है.
2017 में आयकर विभाग ने उजागर की ₹414 करोड़ की टैक्स चोरी
ED की जांच रिपोर्ट आयकर विभाग के यंग इंडियन के मामले में 27 नवंबर 2017 के आदेश को और आगे बढ़ाती है. 2017 में, आईटी विभाग ने यंग इंडियन के हाथों AJL की संपत्तियों के अवैध अधिग्रहण पर ₹414 करोड़ से अधिक की बड़ी टैक्स चोरी पाई थी. आयकर विभाग की इस रिपोर्ट में कहा गया कि AICC (सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस) और AJL (मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस) के महत्वपूर्ण पदाधिकारियों ने AJL पर कब्जा करने के लिए सुनियोजित साजिश की.
साभार : एनडीटीवी
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