लखनऊ. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट अब केवल यात्रियों के लिए नहीं, बल्कि देश के सबसे आधुनिक कार्गो हब के रूप में भी उभरने जा रहा है. एयरपोर्ट के संचालन के साथ ही यहां कार्गो सेवा भी शुरू होगी, जिससे गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद के उद्योगों को नई उड़ान मिलेगी. एयरपोर्ट परिसर में 87 एकड़ में फैला एआईएसएटीएस मल्टी-मॉडल कार्गो हब लगभग तैयार है. इसे लॉजिस्टिक्स क्षेत्र की अग्रणी संस्था एयर इंडिया एसएटीएस मल्टी-मॉडल कार्गो कंपनी विकसित कर रही है. यह हब अत्याधुनिक डिजिटल तकनीक से लैस होगा, जिसमें हर चरण की निगरानी स्मार्ट सिस्टम के जरिए की जाएगी ताकि गति, सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके.
शुरुआती चरण में इस कार्गो हब से सालाना 2.5 लाख मीट्रिक टन माल की आवाजाही होगी. यहां फार्मा, ई-कॉमर्स, रेडीमेड गारमेंट्स, मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक्स और सामान्य माल ढुलाई से जुड़े उत्पादों का प्रबंधन होगा. सुविधा के रूप में यहां दवाओं के लिए कूलपोर्ट, एक्सप्रेस कुरियर टर्मिनल, बॉन्डेड वेयरहाउसिंग, आधुनिक ट्रकिंग सेंटर और ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक्स पार्क शामिल हैं. परिसर में 42 ट्रकों की पार्किंग, 27 भारी वाहनों के डॉकिंग बे और 1.2 मिलियन वर्ग फुट का वेयरहाउसिंग क्षेत्र विकसित किया गया है. कार्गो संचालन शुरू होने से नोएडा और आसपास के उद्योगों को निर्यात व आयात दोनों में गति मिलेगी. अभी तक देश के कुल कार्गो का लगभग 30% संचालन दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट से होता है, जिसमें से 75% माल दिल्ली-एनसीआर से आता है और उसमें आधा हिस्सा गौतमबुद्ध नगर व गाजियाबाद का है.
आईजीआई का दबाव होगा कम
नोएडा एयरपोर्ट शुरू होने के बाद आईजीआई का दबाव कम होगा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश का कार्गो अब यहीं से संचालित होगा. इससे स्थानीय उद्योगों को उत्पादन के बाद अपने माल को देश-विदेश में भेजने में सुविधा होगी. साथ ही, यमुना सिटी में बन रहे उत्तर भारत के पहले मेडिकल डिवाइस पार्क को भी इस एयरपोर्ट से सीधा लाभ मिलेगा. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का यह कार्गो हब पश्चिमी उत्तर प्रदेश की औद्योगिक तस्वीर बदलने में अहम भूमिका निभाएगा और क्षेत्र को वैश्विक व्यापार मानचित्र पर नई पहचान दिलाएगा.
बनाया जा रहा है टोल फ्री सड़क
एयरपोर्ट तक कनेक्टिविटी को मजबूत बनाने के लिए ग्रेटर नोएडा वेस्ट की 130 मीटर चौड़ी रोड को एयरपोर्ट से जोड़ने की तैयारी भी शुरू हो गई है. ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी मिलकर इस परियोजना के फंडिंग मॉडल पर जल्द बैठक करेंगी. लगभग 1,400 करोड़ रुपये जमीन अधिग्रहण और 300 करोड़ रुपये निर्माण पर खर्च होने का अनुमान है. खास बात यह है कि यह रोड टोल-फ्री होगी, जिससे नोएडा, गाजियाबाद और आसपास के जिलों के लोगों को एक वैकल्पिक और सुगम मार्ग मिलेगा.
साभार : न्यूज18
‘गांधी जी की राजनीतिक यात्रा के कुछ पन्ने’ पुस्तक के बारे में जानने के लिए लिंक पर क्लिक करें :
https://matribhumisamachar.com/2025/12/10/86283/
आप इस ई-बुक को पढ़ने के लिए निम्न लिंक पर भी क्लिक कर सकते हैं:
https://www.amazon.in/dp/B0FTMKHGV6
यह भी पढ़ें : 1857 का स्वातंत्र्य समर : कारण से परिणाम तक
Matribhumisamachar


