शुक्रवार, नवंबर 22 2024 | 04:23:58 AM
Breaking News
Home / व्यापार / कर्मचारी-उद्यमियों के इस दौर में असफल हो सकता है कैप्टिव मॉडल, मूनलाइटिंग : राजीव चंद्रशेखर

कर्मचारी-उद्यमियों के इस दौर में असफल हो सकता है कैप्टिव मॉडल, मूनलाइटिंग : राजीव चंद्रशेखर

Follow us on:

नई दिल्ली (मा.स.स.). केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी और कौशल विकास राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि यह कर्मचारी- उद्यमियों का युग है और कॉरपोरेट्स/कंपनियों को अब यह समझना चाहिए कि युवा भारतीय तकनीकी कार्यबल के मस्तिष्क और दृष्टिकोण में संरचनात्मक बदलाव आया है। वह आज यहां पब्लिक अफेयर्स फोरम ऑफ इंडिया (पीएएफआई) के 9वें एनुअल फोरम 2022 को संबोधित कर रहे थे।

मूनलाइटिंग के मुद्दे पर संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वे दिन लद गए जब कर्मचारियों ने बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ करार किया और नौकरी में ही अपना जीवन बिता दिया। मूनलाइटिंग का मतलब एक समय में एक से ज्यादा नियोक्ताओं के साथ काम करने से है। उन्होंने कहा, “आज के युवाओं में आत्मविश्वास की भावना है और अपने कौशल के मुद्रीकरण, ज्यादा मूल्य तैयार करने की इच्छा है। इस प्रकार अपने कर्मचारियों पर बंदिशें लगाने की कंपनियों की कोशिशें जिससे वह अपने स्टार्टाअप पर काम न कर सकें, उनका असफल होना तय है।”

मूनलाइटिंग से किसी भी संविदात्मक दायित्वों का उल्लंघन नहीं होने की बात पर सहमति जताते हुए उन्होंने कहा, “कोई भी कैप्टिव मॉडल यानी बंदिशें लगाने वाला मॉडल फीका पड़ जाएगा। नियोक्ता अपनी सेवा के दौरान कर्मचारियों से उद्यमशील होने की उम्मीद करते हैं। इसी बात को उनके ऊपर भी लागू किया किया जा सकता है। एक ऐसा समय आएगा जहां उत्पाद निर्माताओं का एक वर्ग होगा जो अपना समय कई परियोजनाओं पर लगाएगा। ऐसी ही वकील या सलाहकार करते हैं। काम का यही भविष्य है।”

2015 में सरकार द्वारा घोषित उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) पर एक प्रश्न के उत्तर में, श्री चंद्रशेखर ने कहा कि 2014 में जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पदभार संभाला था, उस समय भारत का विनिर्माण क्षेत्र लगभग निष्क्रिय स्थिति में था। चंद्रशेखर ने कहा, “पीएम श्री मोदी ने पिछले 6-7 वर्षों में पीएलआई और अन्य कार्यक्रमों के साथ व्यवस्थित रूप से विनिर्माण क्षेत्र को इतना मजबूत बनाया है कि दुनिया आज वियतनाम और ताइवान के अलावा भारत को भी प्रौद्योगिकी के एक विश्वसनीय स्रोत के रूप में देख रही है। इस सूची में हमारे नजर आने की वजह प्रधानमंत्री की दूरदर्शी नीतियां हैं।”

डिजिटल इंडिया विधेयक के बारे में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह विधेयक ज्यादा व्यवस्थित होगा और इससे प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विशेष बदलाव शामिल होंगे। इस विधेयक को जल्द ही परामर्श के लिए हितधारकों के पास भेजा जाएगा।

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://vyaparapp.in/store/Pustaknama/15

https://www.meesho.com/hindi-paperback-history-books/p/2r4nct

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

18वें ग्लोबल कम्युनिकेशन कॉन्क्लेव में बीपीसीएल चमका, कई पुरस्कार जीते

मुंबई | मैंगलोर, भारत फॉर्च्यून ग्लोबल 500 कंपनी और गौरवान्वित ‘महारत्न‘ भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) ने …