नई दिल्ली (मा.स.स.). विधि एवं न्याय मंत्रालय के विधि कार्य विभाग ने 29 सितंबर, 2022 को हिंदी पखवाड़ा समापन समारोह का आयोजन किया। विधि और न्याय मंत्री किरेन रीजीजू, विधि और न्याय राज्य मंत्री प्रो. एस पी सिंह बघेल ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का आरंभ किया। अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यदि हमें हिंदी भाषा को सही मायने में इसका दर्जा प्रदान करना है तो हमें हिंदी को रोजमर्रा की जिंदगी में लाना होगा और इसे अपनी कार्यशैली में अपनाना होगा। हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि विदेशी भाषा हमारी अपनी भाषाओं के ऊपर हावी न हों।
उन्होंने गृह राज्य मंत्री रहते हुए उनके कार्यकाल में राजभाषा के संबंध में किए गए प्रयासों संबंधी अनुभव को साझा किया। उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि सरकारी कार्यालयों में कोई भी परिपत्र या विज्ञापन आदि हमेशा द्विभाषी रूप में ही जारी किया जाना चाहिए।इस अवसर पर विधि और न्याय राज्य मंत्री प्रो. एस पी सिंह बघेल ने अपने विचार रखते हुए कहा कि देश की सभी भाषाएं हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं लेकिन हिंदी का स्थान सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि तमिल, तेलुगु , बंगाली, असमिया और अन्य सभी प्रांतीय भाषाएं हमारी मौसी हैं और हिंदी हमारी मां हैं। विधि सचिव ने स्वागत सम्बोधन में अपने विचार रखते हुए हिंदी भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला तथा सरकारी कामकाज में इसके प्रयोग पर बल दिया।
मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रोफ़ेसर वीरेंद्र भारद्वाज ने “राजभाषा हिंदी : दशा और दिशा” विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया जिसमें उन्होंने हिंदी भाषा की पृष्ठभूमि, इसका महत्त्व और हिंदी को राजभाषा बनने के उपरांत उसकी वर्तमान दशा और दिशा के बारे में अपने विचार प्रस्तुत किए तथा राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए प्रोत्साहित किया।तत्पश्चात, दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय-1 के छात्रों द्वारा ‘कानून- एक वरदान’ विषय पर एक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया जिसमें नाटक के माध्यम से समाज में फैली कुरीतियों और असमानता, अस्पृश्यता आदि जैसी समाजिक बुराइयों तथा इनसे जुड़े नागरिकों के मूल अधिकारों पर प्रकाश डालते हुए विधि के शासन के महत्व को दर्शाया गया।
इस अवसर पर विधि कार्य विभाग में हिंदी पखवाड़ा के दौरान आयोजित की गई प्रतियोगितओं के विजेताओं को प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए। कार्यक्रम का संचालन अपर सचिव डॉ. अंजु राठी राणा ने किया तथा कार्यक्रम के अंत में अपर सचिव आर. एस. वर्मा द्वारा मंत्री , विधि सचिव तथा आयोजनकर्ताओं और मीडियाकर्मियों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं
https://vyaparapp.in/store/Pustaknama/15
https://www.meesho.com/hindi-paperback-history-books/p/2r4nct
इस पुस्तक को ई-बुक के रूप में खरीदने हेतु कृपया निम्न लिंक पर क्लिक करें –
https://www.amazon.in/dp/B0BCH59SF8