कानपुर (मा.स.स.). आम आदमी पार्टी ने राज्यपाल के नाम दिए ज्ञापन में आरोप लगाया कि नगर निकाय के चुनाव में संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन करके, आयोग बनाकर, सर्वे करवा कर आरक्षण लागू करना था। लेकिन जान बूझकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने ऐसा गड़बड़ आरक्षण किया, कि हाईकोर्ट ने इनके आरक्षण को रद्द कर दिया। इतना ही नहीं हाईकोर्ट ने यह तक कह दिया कि, “अगर आप प्रक्रियाओं का पालन करते हैं तो आरक्षण में ओबीसी को उनका हक मिलेगा और अगर बगैर प्रक्रिया के आरक्षण व्यवस्था लागू की तो बिना आरक्षण के ही चुनाव करा दो।” आम आदमी पार्टी का साफ तौर पर मानना है कि यह गड़बड़ी जानबूझकर की गई है। इसके लिए जो भी अधिकारी और सरकार के लोग जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। सोमवार को आम आदमी पार्टी ने उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में आंदोलन किया। आप ने घोषणा की कि अगर सरकार ने संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन करते हुए निकाय चुनाव में ओबीसी का आरक्षण लागू नही किया तो आने वाले समय में आम आदमी पार्टी चरणबद्ध तरीके से बड़े स्तर का आंदोलन करेगी।
ज्ञापन देने वालो में जिलाध्यक्ष उमेश यादव, जिला महासचिव के. पी. त्रिपाठी, प्रभारी अनुज शुक्ला, पूर्व पार्षद मदन लाल भाटिया, प्रशांत शुक्ला, वरिष्ठ महिलानेत्री कृष्णा प्रजापति, पुष्पा सिंह, राजकुमारी वर्मा, सुनीता वर्मा, जयंती यादव, मुशीर सिद्दीकी, संदीप शुक्ला, योगेश दीक्षित, मुकेश झा, राशिद जमाल, सुनील बाबू, अजातशत्रु शुक्ला, संजय कठेरिया नरेश अग्रवाल, डीएन पाल, दीप चंद्र यादव, सुधीर सिन्हा, मो शाहिद, अजीत खोटे, इम्तियाज़ अहमद, असलम मंसूरी, अश्वनी कुमार, हरीश कुमार, ओम शंकर तिवारी, अजय शुक्ला, वसीमुद्दीन सिद्दीकी, अंकित पाल, मोहित शुक्ल, योगेश पाल, शैलेश पाल, सैयद आलम, मो हसीन, मो शोएब, साजिद सिद्दीकी, गौतम, सुनील कठेरिया, प्रवीण पाल, मनीष वर्मा (बाबा), अकील हैदर, विनोद सिंह, रजनीश शर्मा, सय्यद आलम, शोएब कुरैशी, सुनील गौतम, शाजिद शीकी, मयंक मिश्रा, प्रदीप गौतम, नीरज बाथम, फ़ज़लू रहमान, चाँद मोहम्मद, प्रवीण पाल, तरुण यादव, आदि प्रमुख रूप से रहे।