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अमित शाह गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के 113वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए

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देहरादून (मा.स.स.). केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह आज उत्तराखंड के हरिद्वार में गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के 113वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुए। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, गुरुकुल कांगड़ी के कुलाधिपति डॉ. सत्यपाल सिंह सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। अमित शाह ने सभी देशवासियों को रामनवमी की शुभकामनाएं दींऔरकहा कि भगवान राम के जन्मदिन के दिन ही आज शिक्षार्थी यहाँ से एक नए जीवन की शुरुआत करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों से कहा कि उन्हे जीवनभर गर्व रहेगा कि उनकी शिक्षा,दीक्षा और दीक्षांत तीनों गुरुकुल कांगड़ी जैसे महान संस्थान में हुए।शाह ने कहा कि महर्षि श्रद्धानंद जी ने जिस गुरुकुल कांगड़ी की नींव डाली आज वो एक महान वटवृक्षबनकर समग्र देश और दुनिया को महर्षि दयानंद का संदेश दे रहा है और हमारी पौराणिक शिक्षा पद्धति को जीवित रखते हुए राष्ट्र में गौरव के साथ विद्यमान है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि गुरुकुल कांगड़ी की शिक्षा पद्धति का महत्व देखकर ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, हमारे राष्ट्रपति रहे डॉ. राजेंद्र प्रसाद और महान शिक्षाविद्  सर्वपल्ली राधाकृष्णन, डॉ. श्यामा प्रसाद मुख़र्जी, मोरारजी भाई देसाई जैसे अनेक महानुभावों ने इस पुण्य भूमि पर अपने पैर रखे और इस शिक्षा व्यवस्था को बल देने का काम किया। उन्होंने कहा कि आज का दिन यहां से दीक्षित होकर जाने वाले बैच के लिए गर्व का विषय है क्योंकि यहबैच आजादी के अमृत महोत्सव और महर्षि स्वामी दयानंद के 200 वें जन्म वर्ष का बैच है। आजादी के अमृत महोत्सव के इस बैच मेंकुल 1800 विद्यार्थी शिक्षा की दीक्षा प्राप्त कर नए जीवन की शुरुआत करेंगे जिसमें 400 छात्राएं और 105 पीएचडी के छात्र शामिल हैं। शाह ने गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को भी बधाई दी।

अमित शाह ने कहा कि इस पावन भूमि पर स्वामी श्रद्धानंद जी ने वैदिक शिक्षा की जोत जलाकर उसकी परंपरा को आगे बढ़ाने की शुरुआत की। स्वामी श्रद्धानंद जी ने महर्षि दयानंद जी का संदेश हूबहू जमीन पर उतारने का काम किया जिन्होंने पराधीन भारत को स्वाधीन बनाने के लिए बहुत बड़ी भूमिका अदा की, शिक्षा के बोध को जागरूक और संरक्षित किया तथामातृभाषा में शिक्षा का अलख जगाने के साथ-साथ हिंदी को भी इस देश में महत्वपूर्ण स्थान देने में बहुत बड़ा योगदान निभाया। उन्होंने कहा कि स्वामी श्रद्धानंद जी ने शिक्षा को विदेशी प्रभाव से बाहर निकालने के सार्थक प्रयास किएऔर हमारी परंपरागत शिक्षा पद्धति को नई ऊर्जा देने के लिए वैदिक मूल्यों, प्राचीन भारतीय संस्कृति, वेदों-उपनिषदों के ज्ञान और समग्र ब्रह्मांड के विज्ञान के साथ आधुनिक विषयों को जोड़कर शिक्षा को परिपूर्ण बनाने का काम किया।

मंत्री ने कहा कि तैत्तिरीय उपनिषद में पंचकोश के माध्यम से व्याख्‍यायित की गयी विद्या पद्धति को पुनर्जीवित करने में स्वामी श्रद्धानंद जी का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई संशय नहीं है कि कांगड़ी गुरुकुल का 121 साल का इतिहास वैदिक शिक्षा के पुनर्जागरण की नींव के रूप में इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से लिखा जाएगा। शाह ने कहा कि आज गुरुकुल कांगडी विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ गयी है। विश्वविद्यालय के गत शैक्षणिक सत्रों में 870 से ज्यादा शोध पत्र व 9 पैटेंट रजिस्टर किए गये हैं। उन्होंने कहा कि वैदिक शिक्षा और आधुनिक शिक्षा का शुभ संगम आज गुरुकुल कांगड़ी ने किया है इसके लिए उन्होने कुलाधिपति, कुलपति और सभी गुरुजनों को हृदयपूर्वक बहुत-बहुत बधाई दी। गृह मंत्री ने दीक्षित होकर जाने वाले सभी विद्यार्थियों से अनुरोध किया कि वे महर्षि दयानंद के संदेश को हमेशा अपने मन से लगाकर रखें और अपनी आदतों मेंस्वामी दयानंद के बताए हुए रास्तों को अपनाकर उस पर चलने का प्रयास करें क्योंकि आत्मा के कल्याण का वही एकमात्र मार्ग है जिस पर चलकर हम देश को आगे ले जा सकते हैं।

शाह ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी नई शिक्षा नीति लेकर आए हैं, इसमें महर्षि दयानंद जी की एक्सेसिबल शिक्षा की दृष्टि और श्रद्धानंद जी के वेद व विज्ञान की शिक्षा के समन्वय का संदेश है तो वहीं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के मातृभाषा में शिक्षा का संदेश और स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय के एजुकेशन फॉर ऑल का संदेश भी चरितार्थ होता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने नई शिक्षा नीति के अंदर मातृभाषा के महत्व को प्रस्तावित किया है। उन्होंने मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा देने व त्रिभाषा का सूत्र दिया है ताकि आने वाले दिनों में मातृभाषा से पढ़े हुए मेधावी  छात्र समग्र देश और विश्व का कल्याण करें। शाह ने कहा कि देश में10 राज्यों के 20 इंजीनियरिंग कॉलेजों में हिंदी, तमिल, कन्‍नड़, तेलुगू, मराठी और बांग्ला में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू हो चुकी है,मध्य प्रदेश में मेडिकल साइंस शिक्षा की हिंदी भाषा मेंशुरुआत हो चुकी है। उन्होने कहा कि देश में मोदी सरकार ने ऐसी व्यवस्था शुरू की है कि अब जेईई(JEE), नीट(NEET) जैसी कई परीक्षाओं को मातृभाषा में दिया जा सकेगा और विद्यार्थी इसके माध्यम से उत्तीर्ण होकर देश के विकास में योगदान दे सकेंगे।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा किनई शिक्षा नीति को स्ट्रीमलैस और क्‍लासलैस बनाया गया है। अब साइंस के विद्यार्थियों को भी देश का इतिहास पढ़ने और आर्ट के विद्यार्थियों कोविज्ञान पढ़ने का मौका मिलेगा, जिससेकिसी भी बच्चे को अपने आंतरिक क्षमता को बाहर निकालने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि मल्टीपल एंट्री, मल्टीपल एग्जिट नई शिक्षा नीति का एक विशेष अंग है जिसके तहत एक साल की पढ़ाई करने पर सर्टिफिकेट, दो साल की पढ़ाई करने पर डिप्लोमा, तीन साल की पढ़ाई करने पर डिग्री और चार साल की पढ़ाई करने पर रिसर्च का प्रावधान है। हर स्तर पर बच्चा एग्जिट व एंट्री कर सकता है। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा यह व्यवस्था इसलिए की गयी है ताकि हमारे युवाओं को एक ऐसा प्लेटफार्म मिले जिस पर खड़े होकर वे समग्र विश्व के युवाओं के साथ स्पर्धा कर सकें और पूरे में विश्व मां भारती का यशोगान हो।

अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने स्टार्टअप इंडिया के माध्यम से युवाओं के लिए ढेर सारे मौके सृजित किए हैं। देश में साल 2016 में स्टार्टअप की संख्या 724 थी जो 2022 में बढ़कर 70 हजार से भी ज्यादा हो गयी। इनमें से  10,000 से ज्यादा स्टार्टअप कोरोनाकाल में बने। वर्ष 2016 से पहले सिर्फ 4 यूनिकोर्न स्टार्टअप थे और आज देश में 107 स्टार्टअप यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि कुल स्टार्टअप में से 44% स्टार्टअप महिलाओं द्वारा चलाए जाते हैं जो कि इस बात का परिचायक है कि महिलाएं भी इस देश में बहुत बड़ा योगदान कर सकती हैं । वहीं 50% स्टार्टअप टीयर-II और टीयर-IIIशहरों से आए हैं। यह हमारे लिए एक प्रेरणादायक क्योंकि हम सब छोटे-छोटे गांवों व शहरों से आते हैं। शाह ने कहा कि देश में पहले पेटेंट रजिस्टर करने वालों की संख्या बहुत कम थी। साल 2013-14 में 3000 पेटेंट के आवेदन किए जाते थे जिनकी संख्या 2021-22 में बढ़कर डेढ़ लाख हो गयी है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा आईआईटी(IIT), आईआईएम(IIM), एम्स(AIIMS), मेडिकल कॉलेज, विश्वविद्यालय और अन्य कॉलेजों की संख्या में बहुत बड़ी बढ़ोतरी की गयी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भारत और भारतीयता दोनों के गौरव को विश्वभर में बुलंद करने का काम किया है।  देश की सुरक्षा से जुड़े ढेर सारे ऐसे मुद्दे थे जो लगते थे कि कभी भी हल नहीं होसकते, उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने चुटकी बजाकर हल किया है। प्रधानमंत्री मोदी जी ने हर क्षेत्र में देश के गौरव को बढ़ाने का काम किया है, चाहे वह धारा 370 हटाना हो, देश को सुरक्षित करना हो, देश को 11वें नंबर की इकोनॉमी से पांचवें नंबर की इकोनॉमी बनाना हो या देश की सीमाओं को सुरक्षित करना हो या आए दिन आतंकवादी हमले करने वाले पड़ोसी देश को सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक करके सबक सिखाना हो। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में देश के सामने एक लक्ष्य रखा है कि अगले 25 साल बादजब देश की आजादी की शताब्दी मनाई जाए तब 130 करोड़ भारतीय पुरुषार्थ कर एक ऐसे भारत का निर्माण करें जो समग्र विश्व में हर क्षेत्र में सर्वप्रथम हो और युवाओं की इसमें विशेष जिम्मेदारी है। शाह ने दीक्षित होकर जा रहे युवाओं से अनुरोध किया कि वे महर्षि दयानंद और स्वामी श्रद्धानंद जी की कल्पना का भारत बनाने के लिए जीवन पर्यंत यत्‍न करते रहें और अपने पुरुषार्थ से भारत को विश्व में सबसे आगे पहुंचाने के लिए हरदम प्रयत्‍नशील रहें।

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