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प्रमुख सचिव नियोजन, उ.प्र. ने सतत विकास लक्ष्य पर आधारित कार्यशाला का शुभारम्भ किया

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लखनऊ (मा.स.स.). प्रदेश के सतत विकास लक्ष्यों के क्रियान्वयन एवं प्रभावी अनुश्रवण हेतु आज लखनऊ स्थित योजना भवन के सभागार में ‘‘कन्सुलेशन फॉर स्ट्रेन्थिनिंग द एस0आई0एफ0 एण्ड डी0आई0एफ0 ऑफ उत्तर प्रदेश’’ पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार की अध्यक्षता में किया गया। कार्यशाला में राज्य सरकार के सभी स्टेक होल्डर विभागों के नोडल ऑफिसर, मास्पी भारत सरकार के अधिकारीगण तथा यूएनडीपी के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया।

प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार ने बताया कि 25 दिसम्बर, 2015 को संयुक्त राष्ट्र संघ के शिखर सम्मेलन में 193 देशों के राष्ट्राध्यक्षों द्वारा एसडीजी एजेण्डा 2030 अपनाया गया था। इसे 01 जनवरी 2016 को अधिकारिक रूप से लागू किया गया था। उन्होंने बताया कि वैश्विक स्तर पर एजेण्डा 2030 को प्रभावी रूप से लागू करने के उद्देश्य से 17 सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स 169 टार्गेट तथा 242 ग्लोबल इंडिकेटर फ्रेमवर्क विकसित किये गये हैं। प्रमुख सचिव ने बताया कि प्रदेश में इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए स्टेट इंडिकेटर फ्रेमवर्क के 101 इंडिकेटर एवं डिस्ट्रिक इण्डिकेटर फ्रेमवर्क के 146 इण्डिकेटर विकसित किये गये हैं। इसके अतिरिक्त प्रदेश की रैंकिंग में सुधार के लिए 214 प्राक्सी इंडिकेटर भी विकसित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि एसडीजी की प्रगति में तेजी लाने के उद्देश्य से सांख्यिकीय और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (मास्पी) भारत सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार एवं यूएनडीपी के मध्य 15 मार्च, 2023 को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया था।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में इन्स्टीट्यूशनल स्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने के लिए प्रभावी एसडीजी प्लानिंग, इम्पलीमेंटेशन एवं मॉनीटरिंग की आवश्यकता है। सभी इंडिकेटर के लिए स्टेक होल्डर विभाग के परामर्श महत्वपूर्ण हैं। मास्पी और यूएनडीपी का परामर्श भी हमारे लिए महत्वपूर्ण है। कार्यशाला का उद्देश्य सभी के परामर्श एवं सहयोग से सतत विकास लक्ष्य को शीघ्रता से प्राप्त करना है। कार्यशाला में मास्पी भारत सरकार की तरफ से उप महानिदेशक मास्पी डॉ0 आशुतोष ओझा, डॉ0 संजय कुमार, अमित कुमार, यूएनडीपी की ओर से जमोन उत्थप, सौम्या गुहा तथा राज्य सरकार की ओर से विशेष सचिव नियोजन आशुतोष निरंजन और निदेशक आनंद मिश्रा सहित सभी स्टेक होल्डर विभागों के नोडल अफसरों ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये।

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