रविवार, मई 19 2024 | 10:58:32 AM
Breaking News
Home / राष्ट्रीय / हमें पूरे समाज का संगठन करना है, समाज में अलग संगठन खड़ा नहीं करना : डॉ. मोहन भागवत

हमें पूरे समाज का संगठन करना है, समाज में अलग संगठन खड़ा नहीं करना : डॉ. मोहन भागवत

Follow us on:

भोपाल (मा.स.स.). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने ब्रह्मपुर (बुरहानपुर) में डॉ. हेडगेवार स्मारक समिति के नवनिर्मित कार्यालय का लोकार्पण किया. उन्होंने उपस्थित समाजजनों और स्वयंसेवकों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि संघ, सम्पूर्ण समाज को अपना मानता है. एक दिन संघ बढ़ते-बढ़ते समाज रूप हो जाएगा तो संघ यह नाम भी हट जाएगा, हिन्दू समाज ही संघ बन जाएगा. इसलिए यह कार्यालय हिन्दू समाज का केंद्र है. यह समाज के सहयोग से खड़ा हुआ है और समाज को ही समर्पित है.

उन्होंने कहा कि कार्यालय से अपने संघ कार्य में अधिक सुविधा तथा यहां कोई नया व्यक्ति भी आया तो संघ कार्य की सभी विशेषताओं का अनुभव उसे इस भवन में होना चाहिए. संघ का कार्य स्वार्थ तथा भय से नहीं चलता, आत्मीयता से चलता है. क्योंकि स्वार्थ और भय स्थायी नहीं है. इसीलिए कार्यालय पर आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को उस आत्मीयता का दर्शन होना चाहिए, साथ ही कार्यालय के अनुशासन का पालन भी होना चाहिए.

सरसंघचालक ने कहा कि संघ का कार्य लोक संग्रह का कार्य है. संघ का कार्य ईश्वरीय कार्य है और ईश्वरीय कार्य को भगवान करेगा, लेकिन उसका निमित्त हमें बनना है. इसलिए शाखा चलती है. अपने इस ईश्वरीय और पवित्र कार्य का अनुभव कार्यालय के वातावरण से होना चाहिए. समाज की इस संगठित शक्ति से अच्छे कार्य होंगे. इस शक्ति से सज्जन लोगों की सुरक्षा होगी और धर्म की रक्षा के लिए शक्ति का उपयोग होगा और जो दुर्जन है, उनमें धाक बैठेगी.

आज संघ का कार्य बढ़ रहा है, संघ के हितैषी बढ़ रहे हैं. इसलिए जगह -जगह पर कार्यालय बन रहे हैं. लेकिन जब कार्यालय नहीं थे, तब भी संघ था. इसलिए सुविधाओं के कारण क्षमता कम नहीं होनी चाहिए. सरसंघचालक ने कहा कि पूरे समाज को संगठित होकर अपने देश के लिए जीने -मरने को तत्पर होकर, एक होकर, भेद और स्वार्थ भूलकर जीना पड़ता है. तब देश आगे बढ़ता है. देश को आगे बढ़ाने का कार्य ठेके पर नहीं दिया जा सकता, संघ को भी नहीं दिया जा सकता. पूरे 130 करोड़ के समाज को संगठित होना होगा. सरसंघचालक ने उपस्थित समाज से प्रत्यक्ष रूप से संघ कार्य में जुड़ने का आग्रह किया.

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www.amazon.in/dp/9392581181/

https://www.flipkart.com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

कृष्ण जन्मभूमि और ज्ञानवापी के लिए चाहिए 400 पार सीटें : हिमंत बिस्वा सरमा

नई दिल्ली. असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार …