चेन्नई. फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ को लेकर देश में विवाद जारी है। इस बीच तमिलनाडु में फिल्म की स्क्रीनिंग पर रोक लगा दी गई है। थिएटर्स मालिकों ने कानून व्यवस्था की स्थिति और फिल्म की खराब प्रतिक्रिया का हवाला देते हुए फिल्म पर रोक लगाने का फैसला किया है। सुदीप्तो सेन के डायरेक्शन में बनी फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ 5 मई को रिलीज हुई। ट्रेलर रिलीज होते ही ये फिल्म विवादों से घिर गई। ट्रेलर में दावा किया गया था कि राज्य की 32 हजार लड़कियां लापता हो गईं थीं और बाद में आतंकवादी समूह आईएसआईएस में शामिल हो गईं।
कानून व्यवस्था के लिए खतरा फिल्म खतरा है: मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन
तमिलनाडु मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ने कहा कि रविवार से पूरे राज्य में ‘द केरल स्टोरी’ की स्क्रीनिंग नहीं की जाएगी। एसोसिएशन ने कहा कि यह फिल्म लॉ एंड ऑर्डर के लिए खतरा हो सकती है। साथ ही उन्होंने दावा किया कि फिल्म को लोगों से एकदम ठंडा रिस्पॉन्स मिल रहा है।फिल्म रिलीज होते ही इस्लामिक संगठनों ने इसका विरोध किया। तमिलनाडु मुस्लिम मुनेत्र कड़गम ने कोयंबटूर के एक मॉल में फिल्म की स्क्रीनिंग के विरोध में धरना दिया। इस बीच उनकी पुलिस के साथ धक्कामुक्की भी हुई।
द केरल स्टोरी फिल्म को मध्यप्रदेश में टैक्स फ्री कर दिया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि फिल्म लव जिहाद, धर्मांतरण और आतंकवाद के षड्यंत्र को उजागर करती है, उसके घिनौने चेहरे को सामने लाती है। क्षणिक भावुकता में जो बेटियां लव जिहाद के जाल में उलझ जाती हैं, उनकी कैसे बर्बादी होती है, यह फिल्म बताती है। आतंकवाद के डिजाइन को भी यह फिल्म उजागर करती है। यह फिल्म पेरेंट्स, बच्चों, बेटियों, सभी को देखना चाहिए।
साभार : दैनिक भास्कर
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