बेंगलुरु. कर्नाटक में सरकार बदलने के साथ ही पिछली बीजेपी सरकार के फैसलों को बदलने की आहट सुनाई देने लगी है। कांग्रेस के मंत्री प्रियांक खरगे (Priyank Kharge on RSS) ने बुधवार को कहा कि बीजेपी की सरकार (Karnataka BJP) में स्कूल की किताबों में संशोधन और धर्मांतरण विरोधी कानून (Anti Conversion Law in Karnataka) जैसे आदेश और कानून, जो राज्य के हित के खिलाफ हैं उनकी कर्नाटक में हिजाब बैन (Hijab Ban Issue) का मुद्दा एकबार फिर से सुर्खियों में है।
एमनेस्टी इंडिया (Amnesty International India) ने हिजाब बैन वापस लेने की मांग की है। इस पर अब कांग्रेस सरकार की तरफ से भी प्रतिक्रिया सामने आई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) के बेटे प्रियांक खरगे ने कहा कि अगर राज्य की शांति भंग होती है तो उनकी सरकार बजरंग दल और RSS जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगा देगी। अगर BJP नेतृत्व को यह अस्वीकार्य लगता है, तो वे पाकिस्तान (Pakistan) जा सकते हैं। कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक ने कहा कि हमने कर्नाटक को स्वर्ग बनाने का वादा किया है। अगर शांति भंग होती है तो हम विचार भी नहीं करेंगे कि यह बजरंग दल है या आरएसएस है। जब भी कानून हाथ में लिया जाएगा, बैन लगा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार हिजाब, हलाल कट और गोवध कानूनों पर प्रतिबंध वापस लेगी।
बीजेपी सरकार में लाई गई हर नीति पर फिर से विचार किया जाएगा। हिजाब पर लगे प्रतिबंध को वापस लेने की मांग के बीच मंत्री ने इस पर कोई टिप्पणी किए बिना कहा कि बीजेपी सरकार की उन तमाम नीतियों की समीक्षा होगी, जो संविधान और समाज की एकजुटता के खिलाफ हैं। प्रियांक ने कहा, ‘पिछली सरकार ने कुछ प्रमुख लोगों की जयंती मनाने का फैसला किया था और बाकी को छोड़ दिया था। केवल जयंती ही नहीं आदेश चाहे किताबों से जुड़े हों, गो हत्या विरोधी, धर्मांतरण विरोधी कानून क्यों न हों उन सभी को संशोधित किया जाएगा।’
कर्नाटक के मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर ने कहा, ‘हम भविष्य में देखेंगे कि क्या बेहतर कर सकते हैं। फिलहाल हमें कर्नाटक के लोगों से की गई पांच गारंटियों को पूरा करना है।’ एक हफ्ते पहले ही कर्नाटक कांग्रेस की एकमात्र मुस्लिम महिला विधायक कनीज फातिमा ने कहा था कि कांग्रेस जल्द ही शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब बैन हटाएगी। हम उन लड़कियों को कक्षाओं में वापस लाएंगे और वे अपनी परीक्षा दे सकेंगी। सुप्रीम कोर्ट ने हिजाब पर बैन हटाने से इनकार करने वाले कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले पर खंडित फैसला सुनाया था। जस्टिस हेमंत गुप्ता ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपीलों को खारिज कर दिया, वहीं जस्टिस सुधांशु धूलिया ने उन्हें इजाजत दी थी।
साभार : नवभारत टाइम्स
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं