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दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार के विस्तार को मिली सुप्रीम मंजूरी

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नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार के कार्यकाल को सेवा विस्तार मिलेगा. सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य सचिव नरेश कुमार के कार्यकाल के सेवा विस्तार को हरी झंडी दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के मुख्य सचिव की नियुक्ति का अधिकार और शक्ति केंद्र के पास है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मौजूदा मुख्य सचिव नरेश कुमार को 6 महीने का एक्सटेंशन दिया जा सकता है. इसे दिल्ली सरकार को झटका माना जा रहा है. बता दें कि मुख्य सचिव नरेश कुमार 30 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं. इससे पहले 24 नवंबर को, शीर्ष अदालत ने केंद्र से कहा था कि वह 28 नवंबर को सुबह 10.30 बजे तक दिल्ली के नए मुख्य सचिव के पद के लिए पांच वरिष्ठ नौकरशाहों के नाम सुझाए.

सुप्रीम कोर्ट ने माना कि ट्रांसफर-पोस्टिंग केंद्र सरकार का अधिकार है. शीर्ष अदालत ने इस पर कोई रोक नहीं लगाई है. बता दें कि मुख्य सचिव की नियुक्ति मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना के बीच विवाद की नवीनतम कड़ी है. आम आदमी पार्टी की सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने पूछा कि उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री सौहार्दपूर्ण ढंग से नामों पर निर्णय लेने के लिए क्यों नहीं मिल सकते?

दिल्ली सरकार और एलजी में होता रहा है विवाद

इससे पहले 17 जुलाई को, शीर्ष अदालत ने नए डीईआरसी अध्यक्ष की नियुक्ति पर मतभेद का मुद्दा उठाया था. केजरीवाल और एलजी से उन पूर्व न्यायाधीशों के नामों पर चर्चा करने को कहा था, जो राष्ट्रीय राजधानी के बिजली नियामक का नेतृत्व कर सकते थे. यह कहते हुए कि दोनों संवैधानिक पदाधिकारियों को यह करना होगा, वे “राजनीतिक कलह” से ऊपर उठें.

हालांकि, दोनों पदाधिकारियों की बैठक के बावजूद गतिरोध बना रहा और अंततः शीर्ष अदालत ने डीईआरसी अध्यक्ष की नियुक्ति की थी. शुक्रवार को संक्षिप्त सुनवाई में, पीठ ने कहा था कि मुख्य सचिव पद के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सुझाए जाने वाले पांच वरिष्ठ नौकरशाहों के नाम मंगलवार को सुबह 10.30 बजे उसे सौंपे जाएंगे.

दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा कि शहर की सरकार कुछ ही मिनटों में वापस आ जाएगी. पीठ ने तब कहा कि वह उसी दिन मुख्य सचिव की नियुक्ति के लिए नाम पर आदेश देने का प्रयास करेगी. किसी भी देरी से वरिष्ठ अधिकारियों की प्रतिष्ठा पर असर पड़ सकता है.

केंद्र के फैसले को दिल्ली सरकार ने दी चुनौती

पीठ बिना किसी परामर्श के नए मुख्य सचिव की नियुक्ति करने या वर्तमान शीर्ष सिविल सेवक नरेश कुमार का कार्यकाल बढ़ाने के केंद्र के किसी भी कदम के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो अन्यथा पद छोड़ने के लिए तैयार हैं. बता दें कि याचिका में दिल्ली सरकार ने यह सवाल उठाया था कि केंद्र सरकार कैसे मुख्य सचिव की नियुक्ति बना परामर्श के कर सकती है, जबकि यह कानून फिलहाल कोर्ट में विचाराधीन है. केंद्र के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी गई है.

साभार : टीवी9 भारतवर्ष

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