इस्लामाबाद. खालिस्तानी आतंकी लखबीर सिंह रोडे की पाकिस्तान में मौत हो गई है। लखबीर सिंह रोडे प्रतिबंधित संगठन खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन का स्वयंभू प्रमुख था। बताया जा रहा है कि लखबीर सिंह रोडे की 72 साल की उम्र में पाकिस्तान में मौत हो गई। मौत का कारण हार्ट अटैक बताया जा रहा है।
भिंडरावाले का भतीजा था लखबीर सिंह रोडे
लखबीर सिंह रोडे खालिस्तानी आतंकी जरनैल सिंह भिंडरावाले का भतीजा था और भारत के आतंकियों की लिस्ट में शामिल था। लखबीर सिंह रोडे के भाई और अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार जसबीर सिंह रोडे ने लखबीर की मौत की पुष्टि की है। जसबीर सिंह ने बताया कि मेरे भाई के बेटे ने हमें बताया है कि पाकिस्तान में हार्ट अटैक से उसकी मौत हुई है और पाकिस्तान में ही उसका अंतिम संस्कार किया गया है। वह डायबिटीज से पीड़ित था। लखबीर सिंह रोडे के दो बेटे, एक बेटी और पत्नी कनाडा में रहते हैं।
भारत से फरार होकर पहुंचा पाकिस्तान
लखबीर सिंह रोडे भारत में पंजाब के मोगा जिले के रोडे गांव का निवासी था और भारत से फरार होकर वह दुबई गया था। बाद में वह दुबई से पाकिस्तान चला गया लेकिन उसने अपने परिवार को कनाडा में रखा। साल 2002 में भारत ने पाकिस्तान को 20 आतंकियों को भारत प्रत्यर्पित करने के लिए एक लिस्ट भी सौंपी थी, जिसमें लखबीर सिंह रोडे का नाम भी था। भारत सरकार के डॉजियर के अनुसार, लखबीर सिंह रोडे के इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन ने ब्रिटेन, जर्मनी, कनाडा और अमेरिका समेत कई जगहों पर अपनी शाखाएं शुरू की थी। साथ ही रोडे भारत में गैरकानूनी तरीके से हथियार और विस्फोटक भेजने का भी आरोपी है।
भारत में कई हमलों का रहा मास्टरमाइंड
रोडे पर आरोप है कि उसने स्थानीय गैंगस्टर्स की मदद से पंजाब में कई हमले कराए। इस साल की शुरुआत में एनआईए ने मोगा जिले में लखबीर सिंह रोडे की एक जमीन को भी जब्त किया था। रोडे पर भारत में कई हमलों की साजिश का आरोप है। 15 सितंबर 2021 को पंजाब के फाजिल्का में एक टिफिन बम बलास्ट हुआ था। एनआईए की जांच में खुलासा हुआ था कि इस हमले के पीछे लखबीर सिंह रोडे का हाथ था। पंजाब में सीमापार से अवैध रूप से हथियार, गोला बारूद, ड्रग्स और टिफिन बम भेजने में भी लखबीर सिंह रोडे की भूमिका अहम थी। साल 2021 से 2023 के दौरान लखबीर सिंह रोडे की छह आतंकी घटनाओं में सक्रिय संलिप्तता पाई गई थी।
साभार : अमर उजाला
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