सोमवार, नवंबर 25 2024 | 05:42:31 AM
Breaking News
Home / अंतर्राष्ट्रीय / कासिम सुलेमानी की चौथी बरसी पर हुए बम धमाके में 103 की मौत

कासिम सुलेमानी की चौथी बरसी पर हुए बम धमाके में 103 की मौत

Follow us on:

तेहरान. ईरान में एक बड़ी हलचल सामने आई है. सिलसिलेवार दो बम धमाकों में 103 लोगों की मौत हो गई है. इंटरनेशनल रिपोर्ट्स के मुताबिक यह हमले किसने किए हैं इसकी पुष्टि नहीं हुई है. अब तक किसी ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है. धमाका करमान शहर में कब्रिस्तान के पास हुए हैं. सरकारी टीवी अल अरबिया के मुताबिक इस कब्रिस्तान में कमांडर कासिम सुलेमानी को दफनाया गया है. यह घटना तब हुई जब बुधवार को ईरान में कासिम सुलेमानी की मौत की चौथी बरसी मनाई जा रही थी. मामले सेना सक्रिय हो चुकी है और सरकार ने अलर्ट के आदेश दिए हैं. ईरानी डिप्टी गवर्नर ने इन धमाकों को ‘आतंकवादी’ हमला बताया है.

ईरान ने दिया बयान 

दरअसल, हमले के बारे में जानकारी देते हुए ईरान के सरकारी प्रसारक इरिब ने पहले कहा कि करमान शहर में साहेब अल-ज़मान मस्जिद के पास एक समारोह के दौरान हुए विस्फोटों में कम से कम 50 की मौत हो गई है लेकिन फिर कुछ ही समय में यह आंकड़ा 100 के पार आ गया. सैकड़ों लोग इन धमाकों में घायल भी हुए हैं. मरने वालों और घायलों की संख्या में इजाफा हो सकता है. बताया गया कि करमान प्रांत के आपातकालीन सेवा प्रमुख ने भी कहा कि विस्फोट बम धमाके के कारण हुआ है.

कहां और कैसे हुआ विस्फोट?
उधर स्थानीय मीडिया के हवाले से बताया गया है कि साहेब अल-जमान मस्जिद के पास एक बड़ा विस्फोट सुना गया जहां ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के विदेशी अभियानों के प्रमुख सुलेमानी को दक्षिणी ईरान के करमान शहर में दफनाया गया है. कुछ देर बाद साहेब अल-ज़मान मस्जिद के पास एक दूसरा विस्फोट सुना गया. विस्फोट के कारण के बारे में कोई विवरण नहीं दिया गया. विस्फोटों के बाद मची भगदड़ में कई लोग घायल हो गए, क्योंकि सुलेमानी की बरसी में भाग लेने पहुंचे काफी लोग पहुंचे थे.

कौन थे कासिम सुलेमानी?
बता दें कि कासिम सुलेमानी ईरान की कुर्द फोर्स के प्रमुख जनरल थे. 3 जनवरी 2020 को बगदाद एयर पोर्ट पर अमेरिकी हवाई हमले में जनरल सुलेमानी की मौत हो गई थी, इस मौत की जिम्मेदारी सीधे तौर पर अमेरिका ने ली थी. वे अमेरिकी ड्रोन हमले में ही मारे गए थे. वे पूरे क्षेत्र में ईरानी नीति के सर्वेसर्वा थे. कुद्स फोर्स के गुप्त मिशनों और हमास और हिजबुल्लाह सहित सहयोगी सरकारों और सशस्त्र समूहों को मार्गदर्शन, धन, हथियार, खुफिया और रसद सहायता के प्रावधान के प्रभारी थे.

साभार : जी न्यूज़

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www।amazon.in/dp/9392581181/

https://www।flipkart.com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

रूस ने दागी अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल, यूक्रेन ने की पुष्टि

मॉस्को. रूस ने 2022 के आक्रमण के बाद से यूक्रेन पर जवाबी हमला करते हुए …