वाशिंगटन. अमेरिका ने इजरायल को भेजी जाने वाली शक्तिशाली बमों की बड़ी खेप को रोक दिया है। इजरायल इन बमों का उपयोग राफा में चलाए जा रहे मिलिट्री ऑपरेशन में कर सकता था। बीबीसी ने एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी के हवाले से इस बात की जानकारी दी है। ऐसा इसलिए किया जा रहा क्योंकि अमेरिका में लगातार छात्र आंदोलन बढ़ रहे हैं।
अधिकारी ने कहा है, “अमेरिका अप्रैल की शुरुआत से उन हथियारों की समीक्षा कर रहा था, जिनका इस्तेमाल इजरायल राफा पर हमले करने के लिए कर सकता था। इस समीक्षा के बाद ही हमने पिछले हफ्ते हथियारों की खेप रोक दी।” पिछले 8 महीने में पहली बार ऐसा हुआ है, जब अमेरिका ने इजरायल को भेजे जाने वाले हथियारों पर रोक लगाई हो।
यह जानकारी ऐसे समय पर बाहर आई है, जब इजरायल ने राफा पर मिलिट्री ऑपरेशन शुरू कर दिया है। इजराइली सेना मंगलवार 7 अप्रैल को टैंक लेकर दक्षिणी गाजा के राफा इलाके में घुस गई। उसने मिस्र से सटी गाजा की सीमा पर कब्जा कर लिया है। हालांकि इजराइली सेना ने यह भी कहा है कि वह 1 लाख से ज्यादा लोगों को राफा से निकालेगी।
अमेरिका हमारा सबसे बड़ा साथी- इजरायल
अमेरिकी की ओर से बमों की खेप रोके जाने पर इजराइली डिफेंस फोर्सेस के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हैगरी ने कहा है कि “सहयोगी किसी भी असहमति को पर्दे के पीछे सुलझाते हैं। अमेरिका शुरुआत से ही हमारा साथी रहा है। हम इज़राइल के सुरक्षा हितों के लिए जिम्मेदार हैं और हम क्षेत्र में अमेरिकी हितों पर भी ध्यान देते हैं।”
हालांकि अमेरिका के विरोध के बावजूद इजरायल राफा में मिलिट्री ऑपरेशन कर रहा है। अमेरिकी अधिकारियों ने इजरायल को चेतावनी दी है कि शहर में शरणार्थियों की आबादी ज्यादा है। जिसके कारण मिलिट्री ऑपरेशन शुरू होने पर यहां लोग बड़ी संख्या में हताहत हो सकते हैं। इजरायल ने कहा है कि वह हमास को पूरी तरह खत्म कर के ही चैन लेगा।
जो बाइडेन पर अमेरिका में बढ़ रहा दबाव
अमेरिका शुरुआत से ही राफा पर इजरायल के मिलिट्री ऑपरेशन का विरोध कर रहा है। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को इजरायल को मदद देने पर विरोध झेलना पड़ रहा है। अमेरिकी यूनिवर्सिटीज में फिलिस्तीन के समर्थन में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। कई अमेरिकी सांसद भी इजरायल को भेजी जाने वाली मदद पर सवाल उठा चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि अमेरिका ने पहली बार इसी कारण इजरायल को भेजे जाने वाले हथियारों के खेप पर रोक लगाई है। हालांकि पेंटागन और अमेरिकी सरकार के अधिकारियों ने इस मामले में कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है।
पश्चिमी देशों की इजरायल को चेतावनी
इजरायल के राफा पर मिलिट्री ऑपरेशन शुरू करने से पहले पश्चिमी देशों और संयुक्त राष्ट्र ने इजरायल को चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि शहर पर बड़े पैमाने पर हमला करने से एक मानवीय तबाही आ सकती है। सीजफायर समझौते से क्षेत्र में शांति लाई जा सकती है।
साभार : दैनिक भास्कर
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