लखनऊ. STF ने फर्जी सर्टिफिकेट बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। टीम ने गिरोह के 2 आरोपियों को लखनऊ के लेखराज मार्केट से पकड़ा है। आरोपियों की पहचान देवरिया के रहने वाले सचिन मणि त्रिपाठी और लखनऊ के कुर्सी रोड गुडंबा में रहने वाले शिवानंद वर्मा के रूप में हुई है। STF का कहना है कि दोनों आरोपी लोगों से मोटी रकम लेकर बी-फार्मा और डी-फार्मा की फर्जी डिग्री देते थे। डिग्री के आधार पर कई लोग अवैध मेडिकल स्टोर और झोलाछाप क्लीनिक चलाते थे। यह गैंग फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के कुछ अधिकारियों के साथ साठगांठ कर पूरे यूपी में काम कर रहा था।
फर्जी ऑफिस बनाकर करते थे गुमराह
अधिकारियों का कहना है कि लखनऊ के कई इलाके में फर्जी मेडिकल स्टोर होने की शिकायत मिल रही थी। आरोपियों की धर पकड़ के लिए STF द्वारा एक टीम गठित की गई। शनिवार दोपहर 12 बजे के आसपास टीम को मुखबिर से सूचना मिली। बताया गया कि लेखराज मार्केट में कुछ लोग आए हैं। वह डी-फार्मा और बी-फार्मा की मार्कशीट दे रहे हैं। दोनों लोग विदेश के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन कराने की भी बात कर रहे हैं। इसके लिए मोटी रकम वसूली जा रही है। सूचना के आधार पर STF टीम लेखराज मार्केट पहुंची। फार्मेसी काउंसिल नाम से चल रहे ऑफिस में दोपहर 1 बजे छापा मारकर दोनों जालसाजों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
अधिकारियों की मदद से बनाते थे डिग्री
STF की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के कुछ अधिकारियों के साथ इनकी साठगांठ है। बरेली के रहने वाले हरि शंकर नाम के व्यक्ति का नाम भी सामने आया है। हरि शंकर ही फर्जी मार्कशीट बनाता है। फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया से फर्जी सर्टिफिकेट का सत्यापन कराता है। इसके एवज में वह पांच लाख रुपए लेता है। चार लाख हरि शंकर अपने पास रखता है। 1 लाख रुपए अधिकारियों को देता है। अब हरि शंकर की गिरफ्तारी के लिए टीम भेजी गई है। उसे गिरफ्तार करने के बाद अन्य आरोपियों के नाम का खुलासा होने की उम्मीद है।
साभार : दैनिक भास्कर
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