चंडीगढ़. डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को 9 साल पहले माफी देने और केस वापस लेने के मामले में श्री अकाल तख्त साहिब ने सोमवार को पूर्व डिप्टी CM सुखबीर सिंह बादल को बर्तन धोने और टॉयलेट साफ करने की सजा सुनाई। उन्हें गोल्डन टेंपल में 2 दिन सेवा करनी होगी। इसी मामले में पंजाब के पूर्व CM स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल से पंथ रत्न ‘फख्र ए कौम सम्मान’ वापस लिया जाएगा। श्री अकाल तख्त के प्रमुख जत्थेदार रघबीर सिंह ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर में यह सजा सुनाई।
राम रहीम मामले में श्री अकाल तख्त में 5 सिंह साहिबानों की बैठक हुई, जिसमें उन्हें और शिरोमणि अकाली दल सरकार के दौरान अन्य कैबिनेट सदस्यों को धार्मिक दुराचार के आरोपों के लिए सजा सुनाई गई। इस मामले में 30 अगस्त 2024 को सुखबीर सिंह बादल को श्री अकाल तख्त ने ‘तनखैया’ (धार्मिक दुराचार का दोषी) घोषित किया था। राम रहीम डेरा सच्चा सौदा का प्रमुख है। उसे 2 शिष्याओं से बलात्कार के मामले में 20 साल की सजा हुई है। फिलहाल वह हरियाणा की सुनरिया जेल में बंद है।
सुखबीर को 2 दिन सेवा करनी होगी, गले में तख्ती रहेगी
• सुखबीर को श्री दरबार साहिब (गोल्डन टेंपल) के घंटाघर के बाहर ड्यूटी करनी होगी। इस दौरान उनके गले में तख्ती और हाथ में बरछा रहेगा। ये सजा उन्हें 2 दिन के लिए दी गई है। इसके बाद 2 दिन श्री केशगढ़ साहिब, 2 दिन श्री दमदमा साहिब तलवंडी साबो, 2 दिन श्री मुक्तसर साहिब और 2 दिन श्री फतेहगढ़ साहिब में सेवादारों वाला चोला पहनकर हाथ में बरछा लेकर ड्यूटी करेंगे। पैर में चोट के चलते ये ड्यूटी वह व्हीलचेयर पर बैठ कर देंगे
• जत्थेदार ने कहा कि सुखबीर इन साहिबों में ड्यूटी के बाद एक-एक घंटा लंगर घर में जाकर संगत के जूठे बर्तन साफ करेंगे। साथ ही एक घंटा बैठकर कीर्तन सुनना होगा और श्री सुखमणि साहिब का पाठ करना होगा। बाथरूम साफ करने की सजा सुखबीर बादल को सुनाई गई, पर चूंकि उनके पैर में फ्रैक्चर है इसलिए उन्हें इससे छूट भी दे दी गई है।
मंत्रियों को भी सजा, लंगर घर में सेवा करेंगे 2007 से 2017 में बादल कैबिनेट के मंत्रियों को भी कल यानी 3 दिसंबर को 12 बजे से लेकर 1 बजे तक गोल्डन टेंपल के बाथरूम साफ करने होंगे। इसके बाद नहा कर वह लंगर घर में सेवा करेंगे। बाद में श्री सुखमणि साहिब का पाठ करना होगा। इन्हें भी श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से तख्ती पहनाई जाएगी।
बादल सरकार को 4 मामलों में सजा मिली
1. राम रहीम के खिलाफ शिकायत वापस ली 2007 में सलाबतपुरा में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने सिखों के 10वें गुरू श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं की तरह कपड़े पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचा था। इस पर राम रहीम के खिलाफ पुलिस केस दर्ज किया गया था, लेकिन बादल सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया।
2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने माफी दिलवाई थी श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए राम रहीम को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। सुखबीर ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए राम रहीम को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिखों के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा। अंत में श्री अकाल तख्त साहिब ने राम रहीम को माफी देने का फैसला वापस लिया।
3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई बादल सरकार के कार्यकाल के दौरान 1 जून 2015 को कुछ लोगों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए और बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए।
4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को इंसाफ नहीं दे पाए अकाली दल सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। उन्हें राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने का दोषी माना जाता था। पूर्व DGP इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया।
साभार : दैनिक भास्कर
भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं