मास्को. रूस ने कैंसर की वैक्सीन बनाने का दावा किया है. रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय के रेडियोलॉजी मेडिकल रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर आंद्रेई कप्रीन ने रेडियो पर जानकारी दी और कहा कि उनके देश ने कैंसर की वैक्सीन बनाने में सफलता हासिल कर ली है. इस टीके को अगले साल से रूस के लोगों को निशुल्क लगाया जाएगा. रूस ने जो वैक्सीन विकसित की है वह एक mRNA वैक्सीन है. वैक्सीन के ट्रायल से पता चला है कि इससे कैंसर ट्यूमर के विकास को रोकने में मदद मिलती है. रूस के दावे के बीच यह जानना भी जरूरी है कि क्या इस वैक्सीन के आने के बाद वाकई कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी अब काबू में आ जाएगी? क्या ये वैक्सीन दशकों पुरानी कैंसर की बीमारी को रोकथाम में सफल होगी? इस बारे में धर्मशिला नारायणा हॉस्पिटल में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग में डायरेक्टर डॉ. अंशुमान कुमार से जानते हैं.
क्या कीमोथेरेपी की नहीं पड़ेगी जरूरत?
डॉ .अंशुमान बताते हैं कि रूसके एनाउंसमेंट में खास बात ये है कि उन्होंने कहा है कि अगले साल के शुरुआत से वो इसे देना शुरू कर देंगे मतलब उनका क्लिनिकल ट्रायल कर लिया है और अब मरीजों को उपलब्ध कराएंगे, हालांकि ये घोषणा राजनीतिक रूप से की गई है , मेडिकल इंफ़ॉर्मेशन नहीं दी गई है. डॉ. अंशुमान कुमार ने कहा कि अगर ये वैक्सीन कारगर हुई तो कीमोथेरेपी की जरूरत नहीं पड़ेगी. यूके में ऐसी एक वैक्सीन फ़रवरी 2024 में बनाई गई जो पेशंट्स को लगाई भी जा रही है.
वैक्सीन कैसे करेगी काम
डॉ. अंशुमान कुमार बताते हैं कि अगर ये वैक्सीन सफल रही तो ये शरीर में प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर के कैंसर से लड़ने का काम करती है और उसे खत्म कर देगी. यूरोप और अमेरिका में भी ट्रायल चल रहे हैं, अमेरिका ने अभी तक डिस्क्लोज़ नहीं किया है. डॉ. अंशुमान ने कहा कि अगर वैक्सीन बाजार में आती है तो इसकी कीमत बहुत ज्यादा नहीं होगी. भारत की बात करें तो यहां जीडीपी का 1.9 % हेल्थ बजट है और उसमें से भी केवल 1.2 % रिसर्च पर खर्च होता है. यदि इसे बढ़ाया जाए तो हम भी ऐसी वैक्सीन विकसित कर सकते हैं. अगर भारत में कैंसर की वैक्सीन बनती है तो इससे मरीजों को काफी फायदा होगा.
भारत में भी बढ़ रहे कैंसर के मामले
आईसीएमआर के मुताबिक, अगले 5 साल में भारत में 12% की दर से कैंसर मरीज बढ़ेंगे. इसमें कम उम्र के लोग भी कैंसर का तेजी से शिकार होंगे. नेचर जर्नल में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार, कम उम्र में कैंसर की सबसे बड़ी वजहों में हमारी लाइफस्टाइल है.
साभार : टीवी9 भारतवर्ष
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