सोमवार, दिसंबर 22 2025 | 04:56:28 PM
Breaking News
Home / राष्ट्रीय / भारत में कोरोना के एक और नए वेरिएंट निम्बस ने दी दस्तक

भारत में कोरोना के एक और नए वेरिएंट निम्बस ने दी दस्तक

Follow us on:

नई दिल्ली. अमेरिका, सिंगापुर और हांगकांग के बाद अब भारत में भी कोरोना का नया वेरिएंट निम्बस (एनबी.1.8.1) पाया गया है. लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है. भारतीय वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना के मौजूदा हालात पूरी तरह से नियंत्रण में हैं. साल 2020 से अब तक कोरोना वायरस के कई स्वरूप सामने आए हैं. लेकिन भारतीयों की इम्युनिटी के आगे कमजोर साबित हो रहे हैं. आईसीएमआर-एनआईवी पुणे के निदेशक डॉ. नवीन कुमार ने कहा है कि नया वेरिएंट अधिक खतरनाक नहीं है, और अब तक की निगरानी से कोई चिंता का कारण नहीं दिखता. उन्होंने लोगों से सावधानी बरतने लेकिन घबराने की ज़रूरत नहीं बताई है.

एनआईवी के निदेशक डॉ नवीन कुमार ने बताया कि इस समय देश की 73 वायरोलॉजी प्रयोगशाला से सैंपल जांच के लिए आ रहे हैं. आरटी पीसीआर पॉजिटिव नमूनों की जीनोम सीक्वेसिंग के जरिए एनआईवी लगातार कोरोना वायरस के स्वरूप में हो रहे परिवर्तनों पर नजर रखे हुए है. उन्होंने बताया कि एनआईवी पुणे वर्तमान में इन नए वेरिएंट्स का वायरस आइसोलेशन कर रहा है. ताकि यह मूल्यांकन किया जा सके कि मौजूदा टीके इन पर कितने असरदार हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत में दो मोनोवेलेंट ओमिक्रॉन आधारित टीका उपलब्ध हैं जिनमें से एक बायोलॉजिकल ई लिमिटेड कंपनी का कोरबिवैक्स और सीरम कंपनी का कोवोवैक्स टीका उपलब्ध है.

स्वास्थ्य मंत्रालय की स्थिति पर नजर

डॉ नवीन कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा स्थिति पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है. सभी वेरिएंट्स की जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट जीआईएसएआईडी पर उपलब्ध कराई जा रही है.

पुणे- चेन्नई में मिले निम्बस के मामले

जानकारी के अनुसार, पुणे और चेन्नई में एक एक मरीज सामने आया है जिनमें निम्बस वेरिएंट का पता चला है. पुणे स्थित आईसीएमआर के एनआईवी ने जीनोम सीक्वेसिंग में इसकी पुष्टि की है. भारत में अब तक इस वेरिएंट के केवल दो मामले दर्ज हुए हैं जिनमें से एक चेन्नई से और एक पुणे से. दोनों मामलों में लक्षण मध्यम स्तर के पाए गए हैं.

कोरोना के मामलों में क्यों बढ़े?

आईसीएमआर के पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान ने जारी ताजा जीनोमिक विश्लेषण में बताया कि अप्रैल 2025 के दूसरे सप्ताह से कोविड-19 के मामलों में आई तेजी के पीछे ओमिक्रॉन के उप स्वरूप जेएन.1.16 का हाथ था, जिसे अब एक्सएफजी (एसएफ.7 और एलपी.81.2) नामक नया पुनः संयोजित वेरिएंट पीछे छोड़ चुका है.

साभार : न्यूज18

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

ऑडियो बुक : भारत 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि)

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने एईपीसी के वार्षिक पुरस्कार समारोह को संबोधित किया

भारत के उपराष्ट्रपति श्री सीपी राधाकृष्णन ने आज नई दिल्ली में आयोजित परिधान निर्यात संवर्धन …