क्वेटा. ‘मेरे बड़े भाई ऐमल बलूच क्रिकेटर बनना चाहते थे। 23 मई को दोपहर ढाई बजे वो ग्राउंड पर किक्रेट खेलने गए थे। तभी वहां पाकिस्तानी सेना के जवान आ गए। वे मेरे भाई को जबरदस्ती अपने साथ ले गए। उन्होंने तो कोई जुर्म भी नहीं किया था।’ पाकिस्तान के बलूचिस्तान में रहने वाली 10 साल की फातिमा बलूच अपने भाई की रिहाई की मुहिम चला रही हैं। भाई को गायब हुए करीब एक महीने हो रहे हैं, लेकिन अब तक कुछ पता नहीं चला है। बलूचों पर पाकिस्तानी सेना के जुल्म की ये अकेली घटना नहीं है।
इसके अगले दिन 24 मई को अवारन में पाकिस्तानी सेना के जवानों ने जर्नलिस्ट अब्दुल लतीफ को घर में घुसकर गोली मार दी। वे बलूचों के लिए आवाज उठा रहे थे। 2025 में शुरुआत के 4 महीनों में ही बलूचों की हत्या के करीब 51 मामले रिकॉर्ड किए गए। सभी मामलों में आरोप पाकिस्तानी सेना पर है। बलूचों का आरोप है कि पाकिस्तानी सेना कत्लेआम कर रही है। एक महीने में हमारे 151 लोग गायब हो गए। बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट के कमांडर चीफ डॉ. अल्लाह नजर बलूच कहते हैं, ‘हमें पाकिस्तान से आजादी चाहिए। भारत इसमें हमारी मदद करे। वो बस हमें हथियार दे दे, हम आजादी खुद ले लेंगे।’
बलूचिस्तान में पिछले एक महीने में हुए हमलों की पड़ताल की। बलूचों की आजादी की लड़ाई लड़ रहे संगठन बलूच नेशनल मूवमेंट के महासचिव कमाल बलूच से बात की। साथ ही बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट के कमांडर चीफ डॉ.अल्लाह नजर बलूच की भारत से क्या उम्मीदें हैं, ये जानने की कोशिश की।
मां के सामने आर्मी के जवानों ने बेटे और बहन को गोली मारी
26 मई 2025 की बात है। बलूचिस्तान के अवारन जिले के मलार माछी इलाके में पाकिस्तानी सैनिक संजर बलूच के घर में घुस गए। संजर की पत्नी दादी बलूच बताती हैं, ‘रात के करीब 1 बज रहे थे। पाकिस्तानी सेना ने मेरे घर पर दबिश दी। अंदर दाखिल होते ही अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। मेरी आंखों के सामने मेरे बेटे नईम, एक बच्ची और मेरी बहन हूरी की जान ले ली।’ फायरिंग के दौरान मुझे भी चोट आई। मैं 2 दिन हॉस्पिटल में एडमिट रही। अगले दिन फोर्स ने फिर मेरे घर पर छापा मारा और मेरे छोटे बेटे को जबरदस्ती उठा ले गई। दादी बलूच अब अपने छोटे बेटे को सेना से लौटाने की गुहार लगा रही हैं।
10 साल पहले हवाई हमले में परिवार के 7 लोग मारे गए
सेना के हमले की ये पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी दादी बलूच के परिवार को निशाना बनाया गया। 2015 में पाकिस्तान एयरफोर्स ने उनके रिश्तेदार के मकान पर हवाई हमले किए थे। तब बमबारी में परिवार के 7 लोगों की मौत हुई थी। हमले को 10 साल बीत गए, लेकिन आज तक न कोई जांच हुई, न ही हमले के जिम्मेदारों का पता लग सका।
जर्नलिस्ट अब्दुल लतीफ की हत्या, 3 महीने पहले बेटे को मारा
बलूच नेशनल मूवमेंट के महासचिव कमाल बलूच जर्नलिस्ट अब्दुल लतीफ बलूच और उनके परिवार के साथ हुई क्रूरता की कहानी सुनाते हैं। वे बताते हैं, ‘अब्दुल लतीफ का परिवार अवारन जिले की मश्कय तहसील में रहता है। 24 मई 2025 की सुबह करीब 3 बजे उनके दरवाजे पर दस्तक हुई। बाहर कुछ हथियारबंद लोग थे। परिवार और मोहल्ले के लोग दहशत में आ गए।‘ ‘थोड़ी देर बाद अब्दुल लतीफ की पत्नी ने दरवाजा खोला तो पूछा गया कि अब्दुल कहां हैं। उन्होंने बताया कि वे सो रहे हैं। हथियारबंद लोगों ने उन्हें जगाने को कहा। शोरगुल सुनकर अब्दुल और बच्चे जाग गए। पहले अब्दुल को साथ ले जाने के लिए जोर-जबरदस्ती की गई। वे नहीं माने तो गोली मार दी।‘ हत्या का आरोप पाकिस्तान आर्मी के समर्थन वाले ग्रुप पर लगा।
अब्दुल लतीफ बलूचिस्तान में दैनिक इंतिखाब न्यूजपेपर में जर्नलिस्ट थे। वे बलूचों की आवाज उठाते थे। बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन और सैन्य अभियानों पर उन्होंने बेखौफ होकर रिपोर्टिंग की। आरोप लगते हैं कि इसी वजह से वो पाकिस्तान आर्मी के निशाने पर आ गए। कमाल बताते हैं, ‘2017 में भी एक बार अब्दुल को घर से अगवा कर लिया गया था। महीनों गायब रखने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बना, तो उनकी रिहाई हुई। हालांकि इसके बाद भी वो बलूचों के लिए लिखते रहे।‘ अब्दुल के मर्डर से पहले 28 फरवरी 2025 को उनके परिवार के 8 युवकों को पाकिस्तान आर्मी घर से जबरन उठा ले गई थी। इसमें उनका बेटा सैफ भी शामिल था। कुछ दिनों बाद सैफ की डेडबॉडी मिली थी। हालांकि बाकी 7 युवकों के नाम तक सामने नहीं आए।
क्रिकेटर बनना चाहता था, आर्मी वाले उठा ले गए
बलूचिस्तान की फातिमा बलूच का एक वीडियो वायरल हुआ। इसमें वो कह रही हैं, ‘मैं बलूचिस्तान से प्यार करती हूं। पाकिस्तान से नफरत करती हूं क्योंकि पाकिस्तानी सेना मेरे बलूच भाइयों को मार रही है और हमारे लोगों का अपहरण कर रही है।’ दरअसल, 10 साल की फातिमा गायब हुए अपने भाई ऐमल बलूच को वापस लाने के लिए सोशल मीडिया पर मुहिम चला रही हैं। उम्र में 7 साल बड़े उनके भाई ऐमल बलूच को पाकिस्तानी सेना 23 मई को उठा ले गई।
फातिमा कहती हैं, ‘हम पिछले कई दिनों से पुलिस और आर्मी के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अब तक मेरे भाई का पता नहीं लग सका है। बलूचिस्तान में गायब होने के बाद सीधे लाशें घर आती हैं। इसलिए मैं अपने भाई की जल्द से जल्द वापसी के लिए लोगों से मदद मांग रही हूं।’ वे आगे कहती हैं, ‘पाकिस्तान हमें पढ़ने नहीं देता। हम पढ़ना और आगे बढ़ना चाहते हैं, लेकिन वे नहीं चाहते कि हम शिक्षित भी हो सकें।’ फातिमा के साथ मौजूद उनकी मां आरोप लगाते हुए कहती हैं, ‘सादे कपड़ों में पाकिस्तान सरकार के लोग आए और मेरे बेटे को उठा ले गए। आज तक उसकी कोई खबर नहीं है। पाकिस्तान की सरकार और सेना हम पर जुल्म कर रही है और हमारी सुनने वाला कोई नहीं है।’
एक हफ्ते में 24 गायब, 8 लोगों की हत्या
कमाल बलूच का कहना है कि बलूचिस्तान में पाकिस्तान की सेना खुलेआम लोगों को मार रही है। यहां हर दिन तीन से चार लोगों को आर्मी घर से जबरदस्ती उठा ले जाती है। फिर कभी उनका पता नहीं लगता है। कुछ समय बाद उनकी लाश ही मिलती है। लाशों पर यातनाओं के निशान मिलते हैं। पिछले एक हफ्ते में 24 लोग गायब हुए और 8 लोगों की हत्या कर दी गई। कमाल के मुताबिक, बलूचिस्तान में पाकिस्तान आर्मी ने अप्रैल में 151 लोगों को जबरन घरों से उठा लिया। वहीं, 23 लोगों की हत्या कर दी गई। आर्मी लोगों को जब घरों से उठा कर ले जाती है तो उसका पुलिस थानों में भी कोई रिकॉर्ड नहीं होता है। गायब हुए लोगों को आर्मी कैंप में ले जाकर यातनाएं दी जाती हैं। इनका खुलासा तब होता है, जब उनकी लाश पर चोटों के निशान मिलते हैं।
‘पाकिस्तानी सेना सबसे ज्यादा कत्लेआम कर रही, हमें गद्दार बता रही’
बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट के कमांडर चीफ डॉ. अल्लाह नजर बलूच का कहना है कि पाकिस्तान को पंजाब स्टेट के लोग और सेना चला रही है। बलूच कौम अपनी आजादी की लड़ाई लड़ रही है। ये लड़ाई देखकर वो घबरा गए हैं। यहां आर्मी ने सरफराज बुगती को चीफ मिनिस्टर बना रखा है। वे कहते हैं, ‘आर्मी ने एक गलत नैरेटिव चलाया कि बलूच के लोग पंजाब के लोगों को मारते हैं। जबकि सेना यहां गरीब बलूचों को आए दिन मार रही है। इन लोगों ने पाकिस्तान बनाने वाले लियाकत अली को मार डाला, संविधान लाने वाले भुट्टो को फांसी पर चढ़ाकर मार दिया। इन्होंने पंजाब के लोगों और नेताओं को भी नहीं छोड़ा। ‘अब ये हमारे खिलाफ नैरेटिव बना रहे हैं कि हम आम पंजाबियों को मारते हैं और हम गद्दार हैं। सबसे ज्यादा कत्लेआम तो ये कर रहे हैं। हमारी जमीन पर कब्जा कर रखा है और अब हमें मार रहे हैं। पाकिस्तान की बदमाश आर्मी देश को गुमराह करने के लिए भारत को अपना दुश्मन बताती है और उसकी आड़ में बलूचिस्तान में नरसंहार कर रही है।‘
साभार : दैनिक भास्कर
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