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ब्रिटेन ने खालिस्तानियों के समर्थन में भारत को 12 दमनकारी देशों की लिस्ट में डाला

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लंदन. एक तरफ ट्रंप लगातार भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर की क्रेडिट खा रहे हैं. जिसके बाद भारत में हंगामा मचा हुआ है. अब इसी बीच ब्रिटेन की एक संसदीय समिति ने गुरुवार को ऐसी एक रिपोर्ट जारी की है, जिसके बाद देश में हंगामा मचना तय है, मचने भी लगा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन ने अपनी रिपोर्ट में भारत को 12 ऐसे देशों की सूची में शामिल किया गया है जिन पर ब्रिटेन में रहने वाले लोगों को डराने-धमकाने या उनकी आवाज दबाने का आरोप है.

रिपोर्ट का क्या है नाम, क्या लगा आरोप

इस रिपोर्ट का नाम है ‘ट्रांसनेशनल रिप्रेशन इन द यूके’ यानी ‘ब्रिटेन में सीमा-पार दमन’. इसमें कहा गया है कि कुछ विदेशी सरकारें धमकियों, निगरानी या दबाव का इस्तेमाल करके ब्रिटेन में रहने वाले आलोचकों, कार्यकर्ताओं या असंतुष्ट लोगों को निशाना बना रही हैं.

भारत समेत 12 देशों को ब्रिटेन ने बताया दमनकारी

भारत के अलावा इस सूची में बहरीन, चीन, मिस्र, इरिट्रिया, ईरान, पाकिस्तान, रूस, रवांडा, सऊदी अरब, तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जैसे देश भी शामिल हैं. समिति का कहना है कि इस तरह की हरकतें मानवाधिकारों के लिए खतरा हैं और ब्रिटिश सरकार को इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए. भारत ने अभी तक इस रिपोर्ट पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है.

रिपोर्ट में खालिस्तानी संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ का जिक्र

रिपोर्ट में भारत के संदर्भ में खालिस्तानी संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) का नाम लिया गया है. यह संगठन भारत में प्रतिबंधित है और इसे गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत ‘गैरकानूनी’ घोषित किया गया है. रिपोर्ट में इस संगठन से जुड़े कुछ सबूतों का हवाला देते हुए सीमा-पार दमन की चिंताओं को उठाया गया है.

लोगों में डर का माहौल: मानवाधिकार समिति

यह रिपोर्ट जॉइंट कमेटी ऑन ह्यूमन राइट्स (जेसीएचआर) ने जारी की है, जिसमें अलग-अलग राजनीतिक दलों के सांसद शामिल हैं. इसमें कहा गया है कि कई विदेशी सरकारें धमकियों और डराने-धमकाने के जरिए ब्रिटेन में रहने वाले लोगों की आवाज दबा रही हैं. इससे वहां रहने वाली कुछ कम्युनिटी में डर का माहौल है, उनकी बोलने की आजादी और आवाजाही पर असर पड़ रहा है. लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.

2022 से 48% बढ़े दमन के मामले

रिपोर्ट में ब्रिटेन की सुरक्षा एजेंसी एमआई5 के हवाले से बताया गया है कि 2022 के बाद से विदेशी सरकारों द्वारा लोगों को निशाना बनाने के मामलों में 48% की बढ़ोतरी हुई है. समिति ने ब्रिटिश सरकार से मानवाधिकारों की रक्षा के लिए और सख्त कदम उठाने की मांग की है.

साभार : जी न्यूज

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