नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस थानों में CCTV कैमरों की कमी से संबंधित मामले में स्वतः संज्ञान जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि केंद्र सरकार अदालत को बहुत हल्के में ले रही है. केंद्र सरकार की तरफ से कोई हलफनामा और अनुपालन रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई है. राजस्थान में 8 महीनों में पुलिस थानों में 11 मौतें हुईं. देश हिरासत में मौतों को बर्दाश्त नहीं करेगा, यह व्यवस्था पर एक कलंक है.
केंद्र को हलफनामा दाखिल करने के लिए 3 हफ्ते का समय
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों को अनुपालन हलफनामा दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय देते हुए कहा कि अगर अगली तारीख तक हलफनामा दाखिल नहीं किया जाता है, तो संबंधित विभागों के अधिकारी अपने-अपने स्पष्टीकरण के साथ इस अदालत में उपस्थित रहें. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी.
SC ने दिया था पुलिस थानों में CCTV कैमरे लगाने का आदेश
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मानवाधिकारों के हनन पर रोक लगाने के लिए साल 2018 में पुलिस थानों में CCTV कैमरे लगाने का आदेश दिया था. दिसंबर 2020 में केंद्र सरकार को CBI, ED, NIA समेत अन्य जांच एजेंसियों के दफ्तरों में सीसीटीवी कैमरे और रिकॉर्डिंग उपकरण लगाने के निर्देश दिए थे.
SC ने थानों में CCTV कैमरों की कमी पर लिया था स्वत: संज्ञान
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने 4 सितंबर को मीडिया में जारी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरों की कमी पर स्वत: संज्ञान जनहित याचिका दर्ज करने का निर्देश दिया जाता है. बेंच ने कहा था कि साल 2025 के शुरुआती 7-8 महीनों में पुलिस हिरासत में करीब 11 मौतों की खबरें सामने आई हैं.
साभार : एनडीटीवी
‘गांधी जी की राजनीतिक यात्रा के कुछ पन्ने’ पुस्तक के बारे में जानने के लिए लिंक पर क्लिक करें :
https://matribhumisamachar.com/2025/12/10/86283/
आप इस ई-बुक को पढ़ने के लिए निम्न लिंक पर भी क्लिक कर सकते हैं:
https://www.amazon.in/dp/B0FTMKHGV6
यह भी पढ़ें : 1857 का स्वातंत्र्य समर : कारण से परिणाम तक
Matribhumisamachar


