जम्मू. पहलगाम हमले के 8 महीने बाद जम्मू की अदालत में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. एनआईए ने बताया कि इस हमले में शामिल 3 आतंकवादियों को सेना ने ऑपरेशन महादेव में मार डाला था. इन आतंकियों के नाम थे-सुलेमान शाह, हमजा और जिब्रान.इसके अलावा हमले से एक दिन पहले आतंकियों को लॉजिस्टिक्स सपोर्ट, पनाह और खाना मुहैया कराने वाले 3 ऑन ग्राउंड वर्कर्स बशीर अहमद जोथर, परवेज अहमद जोथर, मोहम्मद यूसुफ कटारी के नाम भी चार्जशीट में शामिल किए गए हैं. TRF और LET आतंकी समूह का नाम भी चार्जशीट में है.
22 अप्रैल 2025 को तीन हथियारबंद आतंकवादियों ने पहलगाम की बैजसन घाटी में ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर 26 लोगों की जान ले ली थी.आतंकियों ने पहले टूरिस्ट्स का मजहब पूछा और जब उन्होंने हिंदू बताया तो उनको मौत के घाट उतार दिया. बैजसन घाटी एक मशहूर टूरिस्ट प्लेस है, जहां सैलानी छुट्टियां मनाने आए थे. हमलावर एम4 कार्बाइन और एके-47 से लैस थे. शुरुआत में द रेजिस्टेंट फ्रंट (टीआरएफ) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी, जो लश्कर-ए-तैयबा का ही एक धड़ा है. लेकिन बाद में वह इससे मुकर गया था.
मोदी सरकार ने इस हमले की जांच की जिम्मेदारी एआईए को सौंपी है, जिसने अब चार्जशीट दाखिल की है. इसी साल जून में सेना ने दो लोगों को गिरफ्तार किया था, जिन्होंने आतंकियों को शरण दी थी. जबकि जुलाई में ऑपरेशन महादेव चलाकर इस हमले में शामिल आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया था. बटकोट के रहने वाले परवेज अहमद और पहलगाम के बशीर जोथर को एनआईए ने गिरफ्तार किया था. इन हमलावरों ने आतंकियों की पहचान पाकिस्तानियों के तौर पर की थी. ये आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे.
पहलगाम हमले का जवाब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से दिया था, जिसमें पाकिस्तान और पीओके में बैठे आतंकियों के ठिकानों पर भारतीय फौज ने सटीक हमले कर उनको तबाह कर दिया था. इसके अलावा पाकिस्तानी सेना के एयरबेस को भी नेस्तनाबूद कर दिया गया था. ऑपरेशन सिंदूर में जैश और लश्कर के उन ठिकानों और हेडक्वॉर्टर्स समेत उन 9 जगहों को निशाना बनाया गया था, जहां से भारत पर हमले की साजिश रची गई थी.
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