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Tag Archives: अमित शाह

NDDB और अमूल, रेडी टू यूज कल्चर के उत्पादन से भारत को इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बना रहे हैं : अमित शाह

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज गुजरात के आणंद में सहकारिता मंत्रालय के 4 वर्ष पूरे होने एवं सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जन्म जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह को संबोधित किया। श्री अमित शाह ने खेड़ा स्थित अमूल चीज प्लांट और मोगर स्थित …

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सहकारिता आंदोलन में शिक्षा, प्रशिक्षण और नवाचार के मेगा वैक्यूम को भरने का काम यह यूनिवर्सिटी करेगी : अमित शाह

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज गुजरात के आणंद में देश के पहले सहकारी विश्वविद्यालय ‘त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी’ का भूमि पूजन किया। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल और केन्द्रीय सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित …

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अमित शाह शनिवार को करेंगे देश के पहले सहकारी विश्वविद्यालय “त्रिभुवन” का भूमि पूजन और शिलान्यास

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह शनिवार, 5 जुलाई 2025 को गुजरात के आणंद  में देश के पहले राष्ट्रीय स्तर के सहकारी विश्वविद्यालय “त्रिभुवन” सहकारी यूनिवर्सिटी (TSU) का भूमि पूजन और शिलान्यास करेंगे। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्रभाई पटेल और विधानसभा अध्यक्ष श्री शंकर चौधरी …

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ड्रग सिंडिकेट्स ने टेलीग्राम, क्रिप्टोकरेंसी भुगतान और गुमनाम ड्रॉप-शिपर्स का उपयोग किया : अमित शाह

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने NCB और अन्य एजेंसियों को ग्लोबल ड्रग कार्टेल का भंडाफोड़ करने पर बधाई दी है। श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार हर ड्रग गिरोह, चाहे वह कहीं से भी चल रहा हो, को …

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समय पर न्याय मिले इसलिए हमनें पुलिस, प्रॉसीक्यूशन और ज्यूडिश्यरी को समयसीमा से बांधा : अमित शाह

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नए आपराधिक कानूनों के सफलतापूर्वक एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आज नई दिल्ली में आयोजित ‘न्याय प्रणाली में विश्वास का स्वर्णिम वर्ष’ कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया। इस अवसर पर दिल्ली के उपराज्यपाल श्री वी …

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मोदी सरकार का लक्ष्य है कि अगले 5 वर्षों में हर गांव में हो कोऑपरेटिव : अमित शाह

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष – 2025 के उपलक्ष्य में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सहकारिता मंत्रियों के साथ “मंथन बैठक” की अध्यक्षता की। बैठक का आयोजन सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया गया। “मंथन बैठक” का सफलतापूर्वक आयोजन सहकारिता क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। बैठक में देशभर के सहकारिता मंत्रियों, अतिरिक्त मुख्य सचिवों, प्रधान सचिवों और सहकारिता विभागों के सचिवों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। मंथन बैठक का उद्देश्य भारत में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए चल रही योजनाओं की समीक्षा, उपलब्धियों का आंकलन और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक गतिशील मंच प्रदान करना है। अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सहकारिता मंत्रालय की स्थापना देश में बहुत पुराने सहकारिता के संस्कार को पुनर्जीवित करने के साथ-साथ नए परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखकर की है। उन्होंने कहा कि देश में सामाजिक परिवर्तन और नया परिदृश्य नरेन्द्र मोदी सरकार आने के बाद आया है। उन्होंने कहा कि भारत में लगभग 60-70 करोड़ लोग ऐसे थे, जिनके पास कई पीढ़ियों तक जीवन जीने की मूलभूत सुविधाएं भी नहीं थीं। उन्होंने कहा कि 2014 से 2024 तक के 10 साल के कालखंड में ही मोदी सरकार ने इन करोड़ों लोगों का जीवनस्वप्न पूरा कर दिया और इन्हें घर, शौचालय, पीने का पानी, अनाज, स्वास्थ्य, गैस सिलिंडर आदि सुविधाएं प्रदान कर दीं। श्री शाह ने कहा कि ये करोड़ों लोग अब अपने जीवन को और बेहतर बनाने के लिए उद्यम करना चाहते हैं, लेकिन इनके पास पूंजी नहीं है और इन करोड़ों लोगों की छोटी-छोटी पूंजी से बड़ा काम करने का एकमात्र रास्ता सहकारिता है। उन्होंने कहा कि भारत जैसे 140 करोड़ की आबादी वाले देश के लिए दो चीज़ें बेहद ज़रूरी हैं – जीडीपी और जीएसडीपी का विकास और 140 करोड़ लोगों के लिए काम का सृजन करना। उन्होंने कहा कि देश के हर व्यक्ति के लिए काम के सृजन के लिए सहकारिता के सिवा कोई अन्य विकल्प नहीं है और इसीलिए 4 साल पहले बहुत दूरदर्शिता के साथ सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की गई। श्री शाह ने कहा कि हमें संवेदनशीलता के साथ देश के करोड़ों छोटे किसानों और ग्रामीणों के कल्याण के लिए सहकारिता को पुनर्जीवित करना ही होगा, क्योंकि इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। श्री अमित शाह ने कहा कि इस चिंतन और मंथन से तभी भला हो सकता है जब देश के 140 करोड़ लोग रोज़गार प्राप्त कर परिश्रम के साथ अपना जीवन व्यतीत करें और इसे सफल बनाने के लिए भारत सरकार ने 60 पहल की हैं। उन्होंने कहा कि इन पहल में से एक महत्वपूर्ण पहल है राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस का निर्माण, जिसकी मदद से हम वैक्यूम ढूंढ सकते हैं। उन्होंने कहा कि ये राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस इसीलिए बनाया गया है कि राष्ट्रीय, राज्य, ज़िला और तहसील स्तर की सहकारी संस्थाएं मिलकर ये देख सकें कि किस राज्य के किस गांव में एक भी सहकारी संस्था नहीं है। श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार का लक्ष्य है कि अगले 5 साल में देश में एक भी गांव ऐसा न रहे, जहां एक भी कोऑपरेटिव न हो और इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सहकारी डेटाबेस का उपयोग करना चाहिए। केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि भारत में सहकारिता आंदोलन के छिन्न-भिन्न होने के पीछे 3 मुख्य कारण हैं। उन्होंने कहा कि हमने समय के साथ कानून नहीं बदले, जो अब मोदी सरकार ने बदल दिए हैं। हमने सहकारिता की गतिविधियों को जोड़ा या समय के साथ बदला नहीं था। उन्होंने कहा कि पहले सहकारिता में सारी भर्तियां भाई-भतीजावाद से होती थीं और इसीलिए त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी का विचार किया गया। केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने आग्रह किया कि हर राज्य की कम से कम एक सहकारिता प्रशिक्षण संस्था, त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी के साथ जुड़े और राज्य के कोऑपरेटिव आंदोलन की ट्रेनिंग की पूरी हॉलिस्टिक व्यवस्था त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी के माध्यम से ही हो। श्री शाह ने कहा कि कुछ ही समय में राष्ट्रीय सहकारिता नीति की घोषणा भी होगी जो 2025 से 2045 तक, यानी लगभग आजादी की शताब्दी तक अमल में रहेगी। उन्होंने कहा कि इस राष्ट्रीय सहकारिता नीति के तत्वाधान में ही हर राज्य की सहकारिता नीति वहां की सहकारिता की स्थिति के अनुरूप बने और इसके लक्ष्य भी निर्धारित हों। उन्होंने कहा कि तभी आज़ादी की शताब्दी तक हम एक आदर्श कोऑपरेटिव स्टेट बन सकेंगे। उन्होंने कहा कि पूरे देश में सहकारिता के क्षेत्र में अनुशासन, नवाचार और पारदर्शिता लाने का काम मॉडल एक्ट से होगा। उन्होंने कहा कि 2 लाख पैक्स के निर्णय के तहत वित्त वर्ष 2025-26 के लक्ष्य को फरवरी माह में ही समाप्त कर दिया जाए, तभी हम 2 लाख पैक्स के लक्ष्य तक समय से पहुंच सकेंगे। श्री अमित शाह ने कहा कि अर्बन कोऑपरेटिव बैंक और क्रेडिट सोसायटी पर हमें विशेष ध्यान देने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि अब कोऑपरेटिव बैंक को हमने बैंकिंग एक्ट के तहत ले आए हैं और भारतीय रिज़र्व बैंक ने भी लचीली अप्रोच अपनाते हुए हमारी कई समस्याएं दूर की हैं। उन्होंने कहा कि बाकी बची समस्याएं तभी दूर हो सकती हैं, जब हम पारदर्शिता के साथ बैंक का संचालन और कर्मचारियों की भर्ती करें। उन्होंने क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी और अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों के संचालन में और अधिक पारदर्शिता लाने की ज़रूरत पर बल दिया। केन्द्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए कहा कि सभी राज्यों के सहकारिता मंत्री अपने-अपने राज्यों में कृषि मंत्रियों के साथ समन्वय स्थापित कर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दें, ताकि आम जनमानस के साथ-साथ धरती माता का स्वास्थ्य भी सुधरे। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि Cooperation Amongst Cooperatives का गुजरात में बहुत अच्छा और सफल प्रयोग हुआ है। उन्होंने कहा कि यह हमारी राष्ट्रीय क्षमता की वृद्धि और संवर्धन, राष्ट्रीय स्तर पर सहकारिता की ताकत बढ़ाने और कोऑपरेटिव की शक्ति का संवर्धन करने के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण पहल है। बैठक के दौरान सहकारिता मंत्रालय द्वारा की गई पहल के व्यापक मूल्यांकन पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिससे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं, नीति सुझावों और कार्यान्वयन रणनीतियों के सार्थक आदान-प्रदान की सुविधा मिल सके। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘सहकार से समृद्धि’ के विज़न के प्रति सामूहिक प्रतिबद्धता के साथ बैठक में किए गए विचार-विमर्श ने समावेशी विकास को प्राप्त करने में आपसी सहयोग और समन्वय के महत्व को रेखांकित किया। बैठक में चर्चा के मुख्य बिंदुओं में देशभर में 2 लाख बहुउद्देश्यीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (M-PACS) की स्थापना की प्रगति और ग्रामीण सेवा वितरण को बढ़ाने के लिए डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों को बढ़ावा देना शामिल है। सहकारी क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना के कार्यान्वयन पर भी बैठक के दौरान विस्तृत चर्चा हुई। बैठक में भाग ले रहे प्रतिनिधियों ने “Cooperation Amongst Cooperatives” दृष्टिकोण के तहत “अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025” में अपने योगदान को भी सामने रखा। तीन नवगठित राष्ट्रीय बहु-राज्य सहकारी समितियों- राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (NCEL), राष्ट्रीय सहकारी जैविक लिमिटेड (NCOL) और भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (BBSSL) के कामकाज का समर्थन करने में राज्यों की भूमिका की समीक्षा पर भी बैठक में चर्चा की गई। इसके साथ ही एक टिकाऊ और सर्कुलर डेयरी अर्थव्यवस्था बनाने के उद्देश्य से श्वेत क्रांति 2.0 पहल पर विचार विमर्श किया गया। आत्मनिर्भर भारत के तहत दालों और मक्का के लिए समर्थन मूल्य पर खरीद से संबंधित नीतिगत मामलों पर भी प्रमुखता से चर्चा हुई। प्रतिनिधियों ने प्रमुख डिजिटल परिवर्तन पहलों जैसे कि पैक्स और रजिस्ट्रार सहकारी समितियाँ (RCS) कार्यालयों के कम्प्यूटरीकरण और राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस के कार्यान्वयन की समीक्षा की, जिसे एक प्रमुख नियोजन उपकरण के रूप में परिकल्पित किया गया है। बैठक के दौरान जिन अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई, उनमें त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय के माध्यम से क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण और सहकारी बैंकों को मजबूत करने के लिए वित्तीय सुधार शामिल थे। इनमें राज्य सहकारी बैंकों (StCBs) और जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों (DCCBs) के लिए साझा सेवा इकाई (SSE) का संचालन और शहरी सहकारी बैंकों के लिए एक अम्ब्रेला संगठन की स्थापना भी शामिल हैं। बैठक के सफल आयोजन ने भारत के सहकारी परिदृश्य को सहकारी संघवाद और सामूहिक विकास की भावना से प्रेरित आर्थिक विकास के एक मजबूत स्तंभ में बदलने के लिए केंद्र और राज्यों के साझा संकल्प की पुष्टि की है।

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राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड बनने से 3-4 साल में ही निज़ामाबाद की हल्दी दुनिया के अधिकतर देशों में पहुँचेगी : अमित शाह

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज तेलंगाना के निज़ामाबाद में राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के मुख्यालय का उद्घाटन किया। इस अवसर पर केन्द्रीय कोयला और खनन मंत्री जी. किशन रेड्डी और केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री श्री बंडी संजय कुमार सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। अपने संबोधन में …

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श्री गोविंद गुरु जी द्वारा शुरू किया गया आंदोलन आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है : अमित शाह

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज गुजरात के गोधरा में विंजोल स्थित श्री गोविंद गुरु विश्वविद्यालय में विभिन्न परियोजनाओं के शिलान्यास एवं उद्घाटन कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित किया। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज साणंद …

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भाषा सिर्फ संवाद का माध्यम नहीं बल्कि राष्ट्र की आत्मा होती है : अमित शाह

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में राजभाषा विभाग के ‘स्वर्ण जयंती समारोह’ मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया। इस अवसर पर दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता, केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री श्री बंडी संजय कुमार, संसदीय राजभाषा समिति के उपाध्यक्ष श्री भर्तृहरि महताब, …

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वो आपातकाल नहीं, तत्कालीन सत्ताधारी पार्टी का ‘अन्यायकाल’ था : अमित शाह

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में श्यामा प्रसाद मुखर्जी न्यास द्वारा आयोजित “आपातकाल के 50 साल” कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। आपातकाल की 50वीं बरसी की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि जब 11 जुलाई 2024 को प्रधानमंत्री …

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