प्रहलाद सबनानी किसी भी देश में सत्ता का व्यवहार उस देश के समाज की इच्छा के अनुरूप ही होने के प्रयास होते रहे हैं। जब जब सत्ता द्वारा समाज की इच्छा के विपरीत निर्णय लिए गए हैं अथवा समाज के विचारों का आदर सत्ता द्वारा नहीं किया गया है तब तब …
Read More »भारत की आर्थिक प्रगति को रोकने हेतु अशांति फैलाने के हो रहे हैं प्रयास
– प्रहलाद सबनानी भारत की लगातार तेज हो रही आर्थिक प्रगति पर विश्व के कुछ देश अब ईर्ष्या करने लगे हैं एवं उन्हें यह आभास हो रहा है कि आगे आने वाले समय में इससे उनके अपने आर्थिक हितों पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। इस सूची में सबसे ऊपर चीन …
Read More »आर्थिक प्रगति के बल पर भारत पुनः विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर
– प्रहलाद सबनानी यदि भारत के प्राचीन अर्थतंत्र के बारे में अध्ययन किया जाय तो ध्यान आता है कि प्राचीन भारत की अर्थव्यस्था बहुत समृद्ध थी। ब्रिटिश आर्थिक इतिहास लेखक एंगस मेडिसन एवं अन्य कई अनुसंधान शोधपत्रों के अनुसार ईसा के पूर्व की 15 शताब्दियों तक वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत …
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