राष्ट्रीय सुशासन केंद्राने (NCGG) आग्नेय आशिया व हिंद महासागर क्षेत्रातील सरकारी कर्मचाऱ्यांसाठी सार्वजनिक धोरण आणि प्रशासन याबाबतची क्षमता बांधणी कार्यशाळेचे नुकतेच यशस्वी आयोजन केले. 18 ते 29 नोव्हेंबर 2024 या दोन आठवड्यांच्या कालावधीत मसुरी आणि नवी दिल्लीत ही कार्यशाळा संपन्न झाली. श्रीलंका, ओमान, टांझानिया, केनिया, सेशेल्स, मलेशिया, कंबोडिया, मालदीव्ज व म्यानमार या देशांचे 30 वरीष्ठ अधिकारी यामध्ये सहभागी झाले होते. या कार्यशाळेत उपस्थित प्रतिनिधींना आपल्या कल्पनांची …
Read More »प्रशासनासाठी डिजिटल सार्वजनिक पायाभूत सुविधा, कृत्रिम बुद्धीमत्ता आणि डाटा संदर्भातील जाहिरनामा – अनेक जी 20 देशांनी, अतिथी देशांनी तसेच आंतरराष्ट्रीय संघटनांनी मान्यता दिलेले आणि भारत, ब्राझील आणि दक्षिण आफ्रिका या जी 20 मधील त्रयीतर्फे सादर करण्यात आलेले संयुक्त परिपत्रक
केवळ 3 टक्क्याची जागतिक वृद्धी ही या शतकातील सर्वात नीचांकी वृद्धी असून महामारीच्या आधीपर्यंत या वृद्धीचा दर सुमारे 4 टक्के होता. त्याच वेळी तंत्रज्ञान मात्र भोवळ आणणाऱ्या वेगाने प्रगती करत असून जर न्याय्य पद्धतीने वापरले तर हे तंत्रज्ञान आपल्याला वृद्धीचा दर वाढवण्याची ऐतिहासिक संधी देते, असमानता कमी करते आणि शाश्वत …
Read More »పాలనలో డిజిటల్ పబ్లిక్ ఇన్ఫ్రాస్ట్రక్చర్, కృత్రిమ మేధ, ఇంకా డేటాల వినియోగంపై ప్రకటన
ప్రపంచ వృద్ధి 3 శాతాని కంటే కాస్త ఎక్కువ మాత్రమే నమోదయింది. ఇది ఈ శతాబ్దం మొదలైన తరువాత నుంచి చూస్తే అత్యంత తక్కువ. మహమ్మారికి ముందు కాలంలో ఇది సగటున సుమారు 4 శాతం గా ఉండింది. దీనికి తోడు, టెక్నాలజీ ఊహించినదాని కంటే వేగంగా వెళుతోంది. టెక్నాలజీని సమాన స్థాయిలలో న్యాయబద్ధంగా ఉపయోగించుకోవడం ద్వారా వృద్ధిని పెంచడానికీ, అసమానతలను తగ్గించడానికీ, స్థిరాభివృద్ధి లక్ష్యాల (ఎస్డీజీస్) సాధనలో అంతరాన్ని పూడ్చే దిశలో ఒక పెద్ద అడుగు వేయడానికీ ఒక చరిత్రాత్మక అవకాశాన్ని మనకు అందిస్తుంది. స్థిరాభివృద్ధి లక్ష్యాల బాటలో వేగంగా సాగిపోవడానికి డిజిటల్ మార్పును అన్నిటా …
Read More »ডিজিটাল জনপরিকাঠামো, কৃত্রিম বুদ্ধিমত্তা এবং প্রশাসনের ক্ষেত্রে প্রাসঙ্গিক তথ্য – ভারত, ব্রাজিল ও দক্ষিণ আফ্রিকা ত্রয়ীর যৌথ বিবৃতিকে সমর্থন করল জি-২০’র একাধিক দেশ এবং আন্তর্জাতিক বিভিন্ন সংগঠন
শতাব্দীর সূচনায় বিশ্বের বিকাশ হার ছিল ৩ শতাংশের সামান্য বেশি। অতিমারীর আগে এই হার দাঁড়ায় গড়ে প্রায় ৪ শতাংশ। একই সময়ে প্রযুক্তির উন্নতি হয়েছে নজিরবিহীনভাবে। এর প্রয়োগে সমতা বজায় রাখলে বিকাশ হার বৃদ্ধি, বৈষম্য হ্রাস এবং ধারাবাহিক উন্নয়নমূলক লক্ষ্য অর্জনে আমরা ঐতিহাসিক সুযোগ পেতে পারি। ধারাবাহিক উন্নয়নমূলক লক্ষ্য অর্জনের প্রশ্নে …
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