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विश्वविद्यालय में हिंदू छात्रों को पढ़ाई गई नमाज, उठी कुलपति को हटाने की मांग

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रायपुर. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के NSS कैंप में हिंदू छात्रों को जबरन नमाज पढ़ाने के विरोध में हिंदूवादी संगठनों विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन किया। प्रशासनिक भवन के मुख्य गेट पर चढ़कर नारेबाजी की। इस दौरान पुलिस से झड़प भी हुई। प्रदर्शनकारियों ने वाइस चांसलर को हटाने की मांग करते हुए “GGU नहीं बनेगा JNU” जैसे नारे लगाए। बता दें कि NSS कैंप के दौरान ईद पर नमाज पढ़ाने का मामला सामने आने के बाद कुलपति प्रो. आलोक चक्रवाल ने NSS कोआर्डिनेटर को पद से हटा दिया है। वहीं, फैक्ट फाइंडिंग कमेटी मामले की जांच कर रही है। दूसरी तरफ SSP रजनेश सिंह ने यूनिवर्सिटी प्रबंधन से रिपोर्ट मांगी है। हालांकि, अब तक यूनिवर्सिटी ने कोई जवाब नहीं दिया है।

यूनिवर्सिटी को JNU बनाने का आरोप

अब इस मामले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के साथ ही हिंदू सनातनी समाज ने यूनिवर्सिटी को JNU बनाने का आरोप लगाया है। इस मामले में हिंदू संगठनों ने बुधवार को यूनिवर्सिटी परिसर का घेराव कर विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। बता दें कि छात्रों ने आरोप लगाते हुए इस पूरे मामले की शिकायत पुलिस से की है, जिसमें उन्होंने कहा कि उनको मुस्लिम धर्म में कन्वर्ट कराने के लिए यह तरीका अपनाया गया था। इस बहाने उनका ब्रेन वॉश भी किया गया।

छात्रों का आरोप- पहले भी पढ़ाई गई बाइबल

NSS कैंप में शामिल होने वाले छात्र अब इस मामले में खुलकर सामने आ गए हैं। यूनिवर्सिटी के छात्र आस्तिक साहू बीएससी फिजिक्स की पढ़ाई कर रहा है। उनका कहना है कि जिस तरह से सुनियोजित तरीके से छात्रों का ब्रेनवॉश किया गया और नमाज पढ़ाया गया। इसे छात्रों ने पहले ही भांप लिया था। यही वजह है कि छात्रों ने खुलकर विरोध करना शुरू कर दिया है। उनका आरोप है कि यूनिवर्सिटी में पहले भी बाहर से आए कुछ प्रोफेसर्स ने क्लास रूम में छात्रों को बाइबल पढ़ाई गई थी। इस तरह से प्रोफेसर धर्मांतरण जैसे मुद्दों को बढ़ावा देकर यूनिवर्सिटी का माहौल खराब कर रहे हैं। फैक्ट फाइंडिंग कमेटी इसकी जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करे।

ABVP छात्र नेता बोले- उच्चस्तरीय जांच हो

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विश्वविद्यालय इकाई के अध्यक्ष आराध्य तिवारी ने कहा कि कुछ अधिकारी और प्रोफेसर्स यूनिवर्सिटी को JNU बनाने की साजिश कर रहे हैं। लेकिन, उनके मंसूबों को पूरा नहीं होने दिया जाएगा। आराध्य तिवारी ने कहा कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी विविधता में एकता का प्रतीक रहा है, जहां प्रत्येक धर्म को समान महत्व दिया जाता है। लेकिन, जब से आलोक चक्रवाल सर कुलपति बने हैं, तब से किसी एक विशेष धर्म को बढ़ावा देने वाली गतिविधियां बढ़ी हैं, जिससे धार्मिक असंतुलन उत्पन्न हुआ है।

छात्रों को पहले डराया, अब मनाने की कोशिश

बताया जा रहा है कि पहले छात्रों को इस मामले में डराया-धमकाया गया। जिसके बाद छात्रों ने जब मामले का विरोध करते हुए शिकायत की, तब एनएसएस के अधिकारियों ने उन्हें मनाने का भरसक कोशिश भी की। यही वजह है कि अब तक किसी तरह मामले को दबाकर रखा गया। आखिरकार छात्रों ने इसे गलत ठहराते हुए कोनी थाने में शिकायत की, जिसके बाद उन्होंने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में भी वायरल कर दिया।

जानिए यूनिवर्सिटी ने कहां लगाया था NSS कैंप

छात्रों ने बताया कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी में राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) इकाई की ओर से कोटा ब्लॉक के वनांचल क्षेत्र शिवतराई में 26 मार्च से 1 अप्रैल तक कैंप लगा था, वहीं नमाज पढ़वाई गई थी। छात्रों ने अपनी शिकायत में बताया है कि जब NSS कैंप में रोज सुबह योग क्लास लगाई जाती थी, तब वहां हिंदू छात्रों को नमाज पढ़ने के लिए मजबूर किया जाता था।

159 छात्र कैंप में थे, इसमें 4 मुस्लिम छात्र थे

छात्रों ने नमाज पढ़ने का विरोध भी किया। लेकिन, प्रोग्राम ऑफिसर और कोआर्डिनेटर उन्हें डराते-धमकाते रहे और अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के साथ ही सर्टिफिकेट नहीं देने की चेतावनी देते रहे। छात्रों ने बताया कि बाकी दिनों की तरह NSS कैंप में सुबह 6:15 से 7:00 बजे योग करने छात्र एकत्रित हुए, जिसमें कुल 159 छात्र कैंप में थे। इसमें 4 छात्र मुस्लिम थे। 31 मार्च को मुसलमानों का त्योहार ईद उल फितर था। अचानक से कोऑर्डिनेटर ने चारों मुस्लिम छात्रों को मंच पर बुलाया और बाकी छात्रों को मुस्लिम छात्रों द्वारा जो मंच पर नमाज अदा करने की प्रक्रिया की गई। और उसे जस का तस दोहराने और सीखने का आदेश दिया। इस दौरान छात्रों के मोबाइल को भी जमा करा लिया गया था।

साभार : दैनिक भास्कर

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