नई दिल्ली (मा.स.स.). जर्मनी की विदेश मंत्री अन्नालीना बेयरबॉक के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने आज नई दिल्ली स्थित निर्वाचन सदन में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्तों अनूप चंद्र पाण्डेय व अरुण गोयल से मुलाकात की। जर्मनी की विदेश मंत्री के साथ जर्मनी की सांसद आगनियेश्का ब्रगर, टॉमस अर्नडल, उलरिख लेश्ते, आंद्रियास लारेम, भारत में जर्मनी के राजदूत डॉ. फिलिप ऐकरमन और जर्मन विदेश विभाग के अन्य अधिकारी शामिल थे।
इस अवसर पर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि लोकतंत्र की भावना भारत के ऐतिहासिक संदर्भ और परंपराओं में गहराई से बैठी है। भारत में चुनाव के दायरे का अवलोकन करते हुये उन्होंने जर्मन शिष्टमंडल को विस्तारपूर्वक बताया कि कैसे भारत निर्वाचन आयोग 1.1 मिलियन मतदान केंद्रों पर 950 मिलियन से अधिक मतदाताओं के लिये व्यवस्था करता है, 11 मिलियन मतदान कर्मियों का इंतजाम किया जाता है, ताकि मुक्त, निष्पक्ष, समावेशी, सुगम और भागीदारीपूर्ण चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न कराई जा सके। राजीव कुमार ने कहा कि आयोग हर स्तर पर राजनैतिक दलों की भागीदारी और दलों द्वारा पूरी जानकारी दिये जाने को सुनिश्चित करता है। उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक की चुनौतियों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर फर्जी सामग्रियों के गलतफहमी फैलाने वाले असर से भी निपटना पड़ता है, जिनके कारण मुक्त व निष्पक्ष चुनाव में बाधा आ सकती है। ऐसी गतिविधियां लगभग सभी चुनाव प्रबंधन निकायों के लिये चुनौती बन रही हैं।
आयोग के तीनों वरिष्ठ पदाधिकारियों से बातचीत करते हुये जर्मनी की विदेश मंत्री ने भिन्न-भिन्न भौगोलिक स्थितियों, संस्कृतियों और मतदाताओं वाले दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनावी प्रबंधन का इतना विशाल काम करने पर भारत निर्वाचन आयोग की प्रशंसा की। विदेश मंत्री को चुनावी प्रक्रिया में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली प्रौद्योगिकी से अवगत कराया गया। इस प्रक्रिया में मतदाताओं की भागीदारी, राजनैतिक दलों/उम्मीदारों और चुनावी प्रक्रिया सम्बंधी लॉजिस्टिक्स के बारे में जानकारी दी गई। ईवीएम-वीवीपैट की जानकारी देते समय उन्होंने खुद ईवीएम के जरिये मतदान करके देखा। इसकी व्यवस्था शिष्टमंडल के लिये की गई थी। विदेश मंत्री और जर्मनी के सांसदों ने ईवीएम के सुरक्षा मानकों को देखा तथा मशीनों के उपयोग में कठोर प्रशासनिक प्रोटोकॉल, आवागमन, भंडारण, संचालन तथा प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त की। उन्हें बताया गया कि इस पूरी गतिविधि में हर स्तर पर राजनैतिक दलों को संलग्न किया जाता है।
भारत और जर्मनी, दोनों इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमॉक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिसटेंस (आईडिया), स्टॉकहोम तथा कम्यूनिटी ऑफ डेमोक्रेसीस, वारसॉ के सदस्य हैं। भारत निर्वाचन आयोग लगातार प्रयासरत है कि विदेश के चुनावी प्राधिकारियों के साथ करीबी चुनावी सहयोग को प्रोत्साहित करे तथा लोगों के बीच संपर्क को मजबूत करने और लोकतंत्र सम्बंधी शिक्षा सहित नागरिक शिक्षा व साक्षरता को प्रोत्साहन देने के मद्देनजर लोकतांत्रिक संस्थानों व प्रक्रियाओं को सुदृढ़ करे। ‘समिट फॉर डेमोक्रेसी’ के तत्त्वावधान में भारतीय निर्वाचन आयोग राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2023 के पहले जनवरी 2023 में ‘यूज़ ऑफ टेक्नोलॉजी एंड इलेक्शंस इंटेग्रिटी’ विषय पर दूसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करेगा। इस अवसर पर जर्मनी के विदेश विभाग, नई दिल्ली स्थित जर्मनी के दूतावास तथा भारत निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।