जयपुर (मा.स.स.). अजमेर शरीफ दरगाह की देख-रेख का काम शहर के चिश्ती परिवारों के पास है. यह एक धार्मिक स्थल है. इसी से जुड़े सलमान चिश्ती ने नूपुर शर्मा का सर तन से जुदा करने वाले को अपना घर ईनाम में देने की घोषणा वीडियो वायरल कर की. पुलिस के एक अधिकारी ने सलमान की गिरफ्तारी से पहले ही कह दिया था कि उसने नशे में यह वीडियो बनाया होगा. एक वायरल वीडियो के अनुसार सलमान की गिरफ्तारी के समय कह रहा है कि वो नशा नहीं करता लेकिन पुलिस उसे नशेबाज साबित करने का प्रयास कर रही थी. पुलिस अधिकारी उससे यह भी कहते हैं कि ऐसा करने पर वो बच जायेगा.
अजमेर के कई बड़े पुलिस अधिकारी सलमान चिश्ती को क्यों बचाना चाहते हैं? क्या बिना गहलोत सरकार की अनुमति के ऐसा हो सकता है? उम्मीद कम है. फिलहाल राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने पुलिस अधिकारी पर कार्रवाई कर यह दिखाने का प्रयास किया है कि इसमें उनका कोई हाथ नहीं है. लेकिन इससे पहले भी अजमेर के चिश्तियों पर गंभीर आरोप लगते रहे हैं. साल 1992 में 100 लड़कियों के यौन शोषण का आरोप नफीस चिश्ती पर लगा था. इस मामले में फारुख चिश्ती समेत कई अन्य भी आरोपी बनाए गए थे. उस समय इन लोगों का कांग्रेस के बड़े नेताओं से संपर्क होने की बात भी सामने आई थी.
मतलब साफ़ है कि चिश्ती खानदान के किसी सदस्य को बचाने का आरोप कांग्रेस के लिए नया नहीं है. वो तो कई दशकों से इन लोगों के गुनाहों पर पर्दा डालने का प्रयास करती रही है.
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