शुक्रवार, नवंबर 22 2024 | 02:32:48 AM
Breaking News
Home / अंतर्राष्ट्रीय / भारत ने कतर के साथ जीआई उत्पादों के लिए वर्चुअल नेटवर्किंग बैठक का किया आयोजन

भारत ने कतर के साथ जीआई उत्पादों के लिए वर्चुअल नेटवर्किंग बैठक का किया आयोजन

Follow us on:

नई दिल्ली (मा.स.स.). देश में निहित कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के अपने प्रयास में, सरकार ने भारतीय दूतावास, दोहा और आईबीपीसी कतर के सहयोग से कृषि और खाद्य जीआई उत्पादों के लिए एक वर्चुअल नेटवर्किंग बैठक का आयोजन किया। इसमें निर्यातकों, आयातकों, आईबीपीसी के प्रतिनिधियों, भारतीय दूतावास और कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) के अधिकारियों सहित 80 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।

इस अवसर पर, डॉ. दीपक मित्तल, राजदूत, भारतीय दूतावास, दोहा, कतर ने प्रतिभागियों को भारत कतर द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के अवसरों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस तरह की व्यापार बैठकें निर्यात बढ़ाने के लिए बी2बी बातचीत का अवसर प्रदान करेंगी।एपीडा के अध्यक्ष डॉ. एम. अंगमुथु ने अपने संबोधन में जीआई, जैविक और प्राकृतिक उत्पादों को बढ़ावा देने में भारत सरकार के फोकस के बारे में जानकारी दी। भौगोलिक संकेत (जीआई) की विशेषताएं निर्यात किए गए उत्पादों का मूल्‍य संवर्धन करती हैं। ये उत्पाद सीधे किसानों से प्राप्त होते हैं और किसानों को निर्यात बाजार से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला पेश कर सकता है और हमारे निर्यातक कतर को निर्यात करने के इच्छुक भी हैं।

इस बैठक ने भारतीय मूल के कृषि और खाद्य उत्पादों और विशिष्ट विशेषताओं के निर्यात में भारत की ताकत पर कतर के भारत के निर्यातकों और आयातकों के बीच बातचीत के लिए एक मंच प्रदान किया। बातचीत के दौरान, निर्यातकों ने निर्यात के लिए संभावित जीआई उत्पादों जैसे बासमती चावल, आम, अनार, एनईआर के उत्पादों और कई प्रसंस्कृत उत्पादों के बारे में जानकारी दी। इन आयोजनों से निर्यात की सुविधा के लिए भारतीय उत्पादों में आयातकों का विश्वास अधिक मजबूत होने की उम्मीद है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने 2021-22 के दौरान कुल कृषि निर्यात में लगभग 50% (24.77 बिलियन अमेरिकी डॉलर) की हिस्सेदारी के साथ कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

चावल, फल और सब्जियां, चाय आदि जैसी कई कृषि वस्तुओं का प्रमुख उत्पादक होने के अलावा, भारत को कई कृषि उत्पादों के लिए पंजीकृत भौगोलिक संकेत (जीआई) होने का एक विशिष्ट लाभ भी है। वर्तमान में, भारत में 400 से अधिक पंजीकृत भौगोलिक संकेत हैं, जिनमें से लगभग 150 कृषि और खाद्य उत्पाद जीआई हैं। ऐसे 100 से अधिक पंजीकृत जीआई उत्पाद एपीडा अनुसूचित उत्पादों (ताजे फल और सब्जियां, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, पशु उत्पाद और अनाज) की श्रेणी में आते हैं। एपीडा ने नए, नवाचारी और जीआई उत्पादों को बढ़ावा देने और नए गंतव्यों को निर्यात करने के लिए भी पहल की है।

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://vyaparapp.in/store/Pustaknama/15

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

युद्ध के खतरे को देखते हुए अमेरिका ने यूक्रेन में अपना दूतावास किया बंद

कीव. रूस यूक्रेन युद्ध के बीच तनाव बढ़ने के बीच अमेरिका ने कीव स्थित अपने …