नई दिल्ली (मा.स.स.). खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) ने विभिन्न राज्यों जैसे गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड, तेलंगाना राजस्थान और केरल से पोषक तत्वों से भरपूर चावल के लाभों को बढ़ावा देने के लिए कार्यशाला/संगोष्ठी आयोजित करने का अनुरोध किया है। इन राज्यों से विशेष रूप से थैलेसीमिया और सिकल सेल एनीमिया से ग्रस्त जनजातीय क्षेत्रों और जिलों के संवेदनशील क्षेत्रों आने वाली आबादी के कुपोषण से निपटने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर चावल के उपयोग को बढ़ावा देने का अनुरोध किया गया है।
गुजरात के वापी में मेरिल अकादमी में आयोजित एक कार्यक्रम में सरकार द्वारा कार्यशालाओं का आयोजन करने की यह पहल की गई। इस अवसर पर गुजरात के वित्त मंत्री, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री, गुजरात सरकार के खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के अन्य उच्च अधिकारी, भारत सरकार के खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के अधिकारी, तकनीकी विशेषज्ञ और मीडियाकर्मी उपस्थित थे। गुजरात की न्यूट्रिशन इंटरनेशनल की राज्य कार्यक्रम अधिकारी नेहा अरोड़ा ने सामाजिक सुरक्षा नेट कार्यक्रमों के माध्यम से प्रदान किए जाने वाले फोर्टिफाइड स्टेपल पर एक प्रस्तुति दी।
सरकार के सिकल सेल एनीमिया नियंत्रण कार्यक्रम और एक गो-एनजीओ भागीदारी के पूर्व मानद निदेशक डॉ. यज़्दी इटालिया ने हेमोग्लोबिनोपैथिस-सिकल सेल एनीमिया, थैलेसीमिया को समझने पर एक प्रस्तुति दी। इसी तरह, प्रो. (डॉ.) सिरीमावो नायर, नोडल अधिकारी, गुजरात (एनएफएसए समवर्ती मूल्यांकन डी/ओ फूड एंड पीडी-भारत सरकार) ने भी फोर्टिफाइड स्टेपल और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर इसके सकारात्मक प्रभाव पर एक प्रस्तुति दी। सामुदायिक चिकित्सा विभाग, नमो-मेरी-सिलवासा के सहायक प्रोफेसर डॉ. भावेश बरिया ने भी फोर्टिफाइड स्टेपल और हीमोग्लोबिनोपैथिस पर इसके प्रभाव पर एक प्रस्तुति दी।
प्रस्तुतियों के बाद तकनीकी विशेषज्ञों और एफसीआई और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के अधिकारियों द्वारा पैनल चर्चा की गई। इस कार्यक्रम को गुजरात के कई प्रमुख स्थानीय समाचार पत्रों ने इसे अपनी प्रमुख खबरों में जगह दी। कार्यशाला के समापन पर सरकार में पोषक तत्वों से भरपूर चावल के सकारात्मक प्रभाव और देश की योजनाओं तथा पोषण सुरक्षा रणनीति में इसके महत्वपूर्ण योगदान के बारे में आम सहमति जताई गई।
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