मास्को (मा.स.स.). रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण अमेरिका और यूरोपीय देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं. इसके जवाब में रूस ने भी यूरोप को की जाने वाली गैस सप्लाई को रोक दिया था. यह अलग बात है कि उसने इसकी वजह तकनीकि खराबी बताई थी. रूस के इस कदम का असर वहां की तेल कंपनियों के कारोबार पर भी लगातार पड़ रहा था. संभव है कि इसी कारण रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस नार्ड स्ट्रीम 1 पाइप लाइन के माध्यम से यूरोप को गैस सप्लाई करने पर अपनी सहमति दे दी है. यह इसलिए भी मतवपूर्ण हो जाता है कि रूस के द्वारा यूक्रेन के कुछ हिस्से को मिलाने के बाद अमेरिका और यूरोपीय देशों की प्रतिक्रिया से एक बार फिर परमाणु हमले का खतरा मंडराने लगा था. ऐसे में यह खबर शेष विश्व के देशों के लिए भी राहत देने वाली है. क्योंकि यदि यूरोप प्रभावित होते हैं, तो इसका असर भारत सहित उन सभी देशों पर भी पड़ेगा, यो यूरोप के साथ व्यापार कर रहे हैं.
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