सोमवार, नवंबर 04 2024 | 06:42:46 AM
Breaking News
Home / राज्य / मध्यप्रदेश / मीडिया न्यायपालिका की रिपोर्टिंग करते समय अतिरिक्त सावधानी रखे : जगदीप धनखड़

मीडिया न्यायपालिका की रिपोर्टिंग करते समय अतिरिक्त सावधानी रखे : जगदीप धनखड़

Follow us on:

भोपाल (मा.स.स.). उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज मीडिया से न्यायपालिका के बारे में रिपोर्टिंग करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि हमें न्यायाधीशों की गरिमा और न्यायपालिका के लिए सम्मान को बनाये रखना चाहिए, क्योंकि ये कानून के शासन और संवैधानिकता के मूल सिद्धांत हैं।

आज जबलपुर, मध्य प्रदेश में आयोजित पहले ‘न्यायमूर्ति जे.एस. वर्मा स्मृति व्याख्यान’ में मुख्य अतिथि के तौर पर अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने कहा कि एक मजबूत, निष्पक्ष और स्वतंत्र न्याय प्रणाली; लोकतांत्रिक मूल्यों के फलने-फूलने और प्रभावी होने की सबसे सुरक्षित गारंटी है। उन्होंने कहा, “निर्विवाद रूप से लोकतंत्र का सबसे अच्छा विकास तब होता है, जब सभी संवैधानिक संस्थानों का आपस में पूर्ण समन्वय होता है और वे अपने क्षेत्र विशेष तक ही सीमित होते हैं।”

पहले ‘न्यायमूर्ति जे.एस. वर्मा स्मृति व्याख्यान’ में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने मुख्य व्याख्यान दिया। राजस्थान उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति वर्मा के साथ वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में अपनी कई बातचीत को याद करते हुए, धनखड़ ने कहा कि उनके कार्यकाल को न्यायिक इकोसिस्टम को बेहतर बनाने एवं पारदर्शिता और जवाबदेही को विस्तार देने के रूप में याद किया जा सकता है।

समाज पर दूरगामी प्रभाव वाले कई फैसले देने के लिए न्यायमूर्ति वर्मा की प्रशंसा करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि विशाखा मामले में उनके ऐतिहासिक फैसले ने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से महिलाओं की विशिष्ट सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था के लिए पूरे तंत्र के संरचना निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने कहा, “स्वर्गीय न्यायमूर्ति जगदीश शरण वर्मा को हमेशा पथ-प्रदर्शक निर्णयों और उन विचारों के लिए याद किया जाएगा, जिन्होंने नागरिकों को सशक्त बनाया है और सरकार को भी सक्षम बनाया है, ताकि वह लोगों के कल्याण के लिए संस्थानों में व्यापक बदलाव कर सके।” न्यायमूर्ति वर्मा द्वारा संघवाद से लेकर धर्मनिरपेक्षता तक और भारत में लैंगिक समानता से जुड़े कानूनों के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित किये जाने का उल्लेख करते हुए धनखड़ ने कहा कि उनका जीवन एवं उनके विचार हमें और आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करते रहेंगे।

मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल; मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान; मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश; सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय किशन कौल; सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी; मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति रवि मलीमथ; लोकसभा सदस्य राकेश सिंह; राज्यसभा सदस्य और जे.एस. वर्मा स्मृति समिति के अध्यक्ष विवेक के तन्खा एवं दिवंगत न्यायमूर्ति जे.एस. वर्मा के परिवार के सदस्य और अन्य गणमान्य व्यक्ति कार्यक्रम में शामिल हुए।

स्मृति व्याख्यान के बाद उपराष्ट्रपति ने राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। तत्पश्चात, उपराष्ट्रपति मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह, जो 1857 के पहले स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान शहीद हुए थे, के ‘बलिदान दिवस’ की स्मृति में आयोजित एक समारोह में भाग लेने के लिए जबलपुर स्थित पशु चिकित्सा कॉलेज परिसर गए।इस अवसर पर अपने संबोधन में धनखड़ ने इस तथ्य पर संतोष व्यक्त किया कि हमारे जनजातीय समुदाय के नायकों के योगदान और बलिदान को ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ समारोह के हिस्से के रूप में पहचाना जा रहा है और उन्हें विशेष महत्व दिया जा रहा है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 75 वर्षों में पहली बार किसी जनजातीय महिला को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर देखना हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है। यह देखते हुए कि मध्य प्रदेश में देश की सबसे बड़ी जनजातीय आबादी है, उपराष्ट्रपति ने कहा कि रानी दुर्गावती से लेकर राजा शंकर शाह तक, जनजातीय समुदायों का बाहरी आक्रमण के खिलाफ प्रतिरोध का गौरवशाली इतिहास रहा है। उन्होंने स्मारकों और संग्रहालयों के निर्माण के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की सराहना की। ये स्मारक और संग्रहालय हमारे जनजातीय नायकों की कहानियों को बताते हैं और इनसे हमारी युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलती है।

इस अवसर पर, धनखड़ ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम पर आयोजित एक प्रदर्शनी का भी दौरा किया और स्थानीय लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम देखे। उपराष्ट्रपति ने विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन/शिलान्यास भी किया और जेईई/एनईईटी/सीएलएटी में उत्तीर्ण होने वाले मेधावी जनजातीय छात्रों को सम्मानित किया।

मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल; मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान; मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश; केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते; मध्य प्रदेश सरकार की जनजातीय कल्याण मंत्री मीना सिंह; मध्य प्रदेश सरकार के वन विभाग मंत्री कुंवर विजय शाह; मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री गोपाल भार्गव; राज्यसभा सदस्य सुमित्रा बाल्मीकि; लोकसभा सदस्य वी.डी. शर्मा; लोकसभा सदस्य राकेश सिंह और अन्य गणमान्य व्यक्ति कार्यक्रम में शामिल हुए।

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://vyaparapp.in/store/Pustaknama/15

https://www.meesho.com/hindi-paperback-history-books/p/2r4nct

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

बजरंग दल ने लगाए दीपावली पर हिन्दुओं से ही खरीददारी करने वाले पोस्टर

भोपाल. दीपावली के अवसर पर बजरंग दल ने “अपना त्योहार, अपनो से व्यवहार” के संदेश …