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अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मार्ट के दूसरे दिन पूर्वोत्तर राज्यों ने इस क्षेत्र की पर्यटन क्षमता का प्रदर्शन किया

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आइजोल (मा.स.स.). उत्तर पूर्वी भारत के आठ राज्य नयनाभिराम प्राकृतिक सौंदर्य, समृद्ध जैव विविधता, दुर्लभ वन्य जीवन, ऐतिहासिक स्थलों, विशिष्ट सांस्कृतिक एवं जातीय विरासत और गर्मजोशी से स्वागत करने वाले लोगों से समृद्ध हैं। यह क्षेत्र अविस्मरणीय वन्यजीव पर्यटन, चाय और गोल्फ पर्यटन, नदी पर्यटन, धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन, विरासत पर्यटन, सांस्कृतिक और पाक कला पर्यटन, साहसिक पर्यटन, कृषि और ग्रामीण पर्यटन एवं ऑफबीट स्थलों की पेशकश करता है। उत्तर पूर्वी भारत एक सींग वाले गैंडों के लिए प्रसिद्ध काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान जैसे कई वन्यजीव अभयारण्यों का भी घर है।

शक्तिशाली ब्रह्मपुत्र पूरे असम से होकर बहती है जहां पर्यटक यादगार नदी परिभ्रमण और अरुणाचल प्रदेश की बहने वाली नदियों का आनंद ले सकते हैं। ब्रह्मपुत्र अविश्वसनीय व्हाइट वाटर राफ्टिंग का अनुभव प्रदान करती है। यह क्षेत्र विविध पर्यटक आकर्षणों से संपन्न है। प्रत्येक राज्य की अपनी-अपनी अलग विशेषताएँ होती हैं और वहां पर्यटन विकास को गति देने की अपार संभावनाएँ भी होती हैं। आइजोल में आयोजित अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मार्ट 2022 के दूसरे दिन इन बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया। आईटीएम 2022 का उद्देश्य घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पूर्वोत्तर क्षेत्र की पर्यटन क्षमता पर प्रकाश डालना है।

आईटीएम के दूसरे दिन आठ उत्तर पूर्वी राज्यों द्वारा अपनी पर्यटन क्षमता के साथ-साथ सांस्कृतिक संध्याओं, आइजोल और उसके आसपास के स्थानीय आकर्षणों के भ्रमण पर दी गई प्रस्तुतियां शामिल रहीं। बी2बी बैठक का भी आयोजन किया गया, जहां देश के विभिन्न क्षेत्रों के खरीदार पूर्वोत्तर क्षेत्र के विक्रेताओं के साथ आमने-सामने आयोजित की गई बैठकों में शामिल हुए। भाग लेने वाले राज्यों के पर्यटन उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए सुंदर हस्तशिल्प और हथकरघा के प्रदर्शन सहित एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया।

प्रस्तुति के दौरान इस बात पर प्रकाश डाला गया कि पूर्वोत्तर में विभिन्न प्रकार के पर्यटन उत्पाद उपलब्ध हैं। वन्यजीव पर्यटन, चाय और गोल्फ पर्यटन, नदी पर्यटन, धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन, विरासत पर्यटन, सांस्कृतिक और पाक कला पर्यटन, साहसिक पर्यटन, कृषि और ग्रामीण पर्यटन एवं ऑफबीट गंतव्य उनमें से कुछ हैं। असम बहुत जल्द ही अपनी पर्यटन नीति शुरू करेगा, जिससे राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी।

सत्र के दौरान सचिव पर्यटन अरविंद सिंह ने कहा कि पिछले कुछ समय से यात्रा, पर्यटन और आतिथ्यसत्कार क्षेत्र के लिए निरंतरता की प्राथमिकता रही है, लेकिन महामारी के कारण यह और भी महत्वपूर्ण हो गयी है। हरित पर्यटन की मांग बढ़ रही है क्योंकि लोग पर्यावरण पर इसके प्रभाव के प्रति अधिक जागरूक हो रहे हैं और अधिक से अधिक टिकाऊ यात्रा विकल्पों की तलाश कर रहे हैं। भारत सरकार अब हरित पर्यटन पर ध्यान केंद्रित कर रही है। हरित पर्यटन में पर्यावरण और सामाजिक प्रभावों को कम करने के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को प्रेरित करने की क्षमता है।

अपने संबोधन के दौरान प्रधान सचिव, पर्यटन विभाग, मिजोरम सरकार मनीषा सक्सेना ने कहा कि मिजोरम को हमेशा से ही इसके सम्मोहक परिदृश्य, हरी-भरी पहाड़ियों और मनोरम स्थलाकृति के कारण पर्यटन के एक अप्रयुक्त क्षमता वाले राज्य के रूप में जाना जाता है। मिज़ोरम का 90 प्रतिशत क्षेत्र वनों से आच्छादित है और इसकी भौगोलिक स्थिति, सुखद जलवायु पर्यटन के सबसे मजबूत बिंदु हैं। राज्य में इको-टूरिज्म और एडवेंचर टूरिज्म की भी काफी गुंजाइश है। इंडिया हैप्पीनेस रिपोर्ट, 2020 के अनुसार मिजोरम भारत का सबसे खुशहाल राज्य है। इसकी साक्षरता दर 91.33 है और यह देश में तीसरे स्थान पर है।

राज्य में कई प्रकार के अनछुए आकर्षण हैं जो उद्यमी पर्यटकों को एक स्वप्निल गंतव्य उपलब्ध करा सकते हैं। थेनजोल मिजोरम के मध्य भाग में सेरछिप जिले में आइजोल से 112 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। थेनजोल इको-टूरिज्म, ग्रामीण अनुभव, प्राकृतिक सुंदरता, संस्कृति और रोमांच का एक आदर्श मिश्रण प्रस्तुत करता है। थेनजोल में पिछले वर्षों में कई पर्यटन स्थल सामने आए हैं, जो सेरछिप जिले के दो उप-मंडलों में से एक है। थेनजोल का सबसे महत्वपूर्ण आकर्षण थेनजोल गोल्फ कोर्स और रिजॉर्ट है। इस गोल्फ कोर्स और रिजॉर्ट का निर्माण भारत सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के तहत किया गया है। इसे पूर्वोत्तर भारत में सभी सीजनों का एक सर्वश्रेष्ठ गोल्फ कोर्स होने का दर्जा प्राप्त है और यह सबसे अच्छा पे एंड प्ले सुविधा प्रदान करता है और क्षमता के सभी स्तरों को पूरा करता है।

पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार 17 से 19 नवंबर 2022 तक आइजोल, मिजोरम में पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए 10वें अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट (आईटीएम) का आयोजन कर रहा है। पूर्वोत्तर राज्यों में रोटेशन के आधार पर अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मार्ट आयोजित किए जाते हैं। मिजोरम पहली बार इस मार्ट की मेजबानी कर रहा है। इस मार्ट के पिछले संस्करण गुवाहाटी, तवांग, शिलांग, गंगटोक, अगरतला, इंफाल और कोहिमा में आयोजित किए जा चुके हैं।

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