लखनऊ. समान नागरिक संहिता पर पूरे देश में बहस छिड़ी हुई है। विपक्ष इसका विरोध कर रहा है वहीं सुभसपा इसके पक्ष में है। अब बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने इस पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना रुख साफ किया। बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि संविधान की धारा 44 में UCC बनाने का प्रयास तो वर्णित हैं मगर इसे थोपने का नहीं है। इसलिए इन सभी बातों को ध्यान में रखकर ही भाजपा को देश में UCC को लागू करने के लिए कोई कदम उठाना चाहिए था। हमारी पार्टी UCC को लागू करने के खिलाफ नहीं है बल्कि भाजपा और इनकी सरकार द्वारा इसे देश में लागू करने के तरिकेसे सहमत नहीं है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने एमपी में एक जनसभा के दौरान समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) पर टिप्पणी की थी। पीएम मोदी की टिप्पणी के बाद राजनीतिक बहस फिर से शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि भारत दो कानूनों पर नहीं चल सकता और समान नागरिक संहिता संविधान का हिस्सा है। पीएम मोदी ने कहा था कि समान नागरिक संहिता का विरोध वोटबैंक की राजनीति की वजह से की जा रही है। एक परिवार में एक सदस्य के लिए अलग कानून और अन्य के लिए अलग कानून से परिवार कैसे चलेगा? दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चलेगा? संविधान में नागरिकों को समान अधिकार की बात कही गई है। पीएम मोदी ने यह भी कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने भी समान नागरिक संहिता लागू किए जाने की बात कही है।
साभार : दैनिक जागरण
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं