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भारतीय रेल ने फरवरी 2023 में 124.03 एमटी माल ढोकर अब तक का सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड कायम किया

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नई दिल्ली (मा.स.स.). भारतीय रेल ने फरवरी 2023 में 124.03 एमटी माल ढोकर फरवरी माह में अब तक का सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड कायम किया है। इस वर्ष फरवरी में 4.26 एमटी अधिक माल ढोया गया, जो फरवरी 2022 में हुई सर्वाधिक माल ढुलाई की तुलना में 3.55 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह, भारतीय रेल ने लगातार 30 महीने में अब तक की सर्वश्रेष्ठ मासिक माल ढुलाई की है।

भारतीय रेल ने कोयले में 3.18 मिलियन टन, उर्वरकों में 0.94 मिलियन टन, अन्य वस्तुओं के बकाये में 0.66 मिलियन टन, पीओएल में 0.28 मिलियन टन और कंटेनर में 0.27 मिलियन टन की क्रमिक वृद्धि वाली माल ढुलाई दर्ज की है। वित्त वर्ष 2022-23 में मोटर वाहन लोडिंग में वृद्धि माल ढुलाई व्यवसाय का एक और उल्लेखनीय पक्ष रहा है और वित्त वर्ष 2022-23 में फरवरी तक 5015 रेक लोड किए गए हैं, जबकि पिछले साल की इसी अवधि के दौरान 2966 रेक लोड किए गए थे यानी इसमें 69 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

अप्रैल 2022 से फरवरी 2023 तक संचयी माल लदान 1367.49 मीट्रिक टन रहा है, जबकि 2021-22 1278.84 एमटी माल ढुलाई हुई। इस तरह पिछले वर्ष की तुलना में 6.93 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुये क्रमिक रूप से 88.65 एमटी माल ढुलाई में वृद्धि हुई। फरवरी 2023 में में माल भाड़ा एनटीकेएम (निवल टन किलोमीटर) बढ़कर 73 अरब हो गया है, जो फरवरी 2022 के 70 अरब की तुलना में 4.28 प्रतिशत अधिक है। अप्रैल 2022 से फरवरी 2023 के दौरान संचयी मालभाड़ा एनटीकेएम पिछले वर्ष के 74 अरब की तुलना में इस बार 10.81 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 82 अरब रहा।

विद्युत और कोयला मंत्रालयों के सतत प्रयासों के माध्यम से भारतीय रेल ने बिजली घरों को कोयले की आपूर्ति बढ़ाने के लिए फरवरी माह में माल ढुलाई निष्पादन की प्रमुख विशेषताओं में से एक रहे हैं। बिजली में कोयले (घरेलू और आयातित दोनों) की लोडिंग जनवरी में 3.39 मिलियन टन बढ़ी, जिसमें 45.63 मीट्रिक टन कोयले को बिजली घरों में स्थानांतरित किया गया, जबकि पिछले साल यह 42.24 मिलियन टन था, यानी 8.02% की वृद्धि हुई। संचयी रूप से, वर्ष के पहले ग्यारह महीनों में, भारतीय रेलवे ने पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में बिजली घरों को 79.69 मिलियन टन से अधिक अतिरिक्त कोयला लोड किया है, जिसमें 15.44% से अधिक की वृद्धि हुई है। जिन्स वार वृद्धि के आंकड़े बताते हैं कि भारतीय रेल ने निम्नलिखित विकास दरों के साथ लगभग सभी जिंसों की ढुलाई में वृद्धि दर्ज की है:

 जिंस अंतर (एमटी) अंतर (प्रतिशत में)
कोयला 3.18 5.70 %
उर्वरक 0.94 25 %
अन्य माल का बकाया 0.66 6.51 %
पीओएल 0.28 7.77 %
 कंटेनर 0.27 4.32%

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