सोमवार, दिसंबर 23 2024 | 12:03:29 AM
Breaking News
Home / राज्य / राजस्थान / परशोत्तम रुपाला ने एनआरसीसी में घुमन्तू पशुपालकों के साथ परिचर्चा की

परशोत्तम रुपाला ने एनआरसीसी में घुमन्तू पशुपालकों के साथ परिचर्चा की

Follow us on:

जयपुर (मा.स.स.). केन्द्रीय मंत्री, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परशोत्तम रुपाला ने भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र (एनआरसीसी), बीकानेर में आयोजित घुमन्तू पशुपालकों एवं संबद्ध समुदाय के साथ परिचर्चा में भाग लिया। इस दौरान बीकानेर नगर के सांसद अर्जुन राम मेघवाल, संसदीय कार्य और संस्कृति राज्य मंत्री भी उपस्थित थे। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री ने राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की उपस्थिति में ऊंट उत्पाद प्रसंस्करण उपयोग और प्रशिक्षण इकाई उद्घाटन किया।

परशोत्तम रुपाला ने परिचर्चा के दौरान पशुपालकों से बातचीत की और उनकी समस्याओं को सुना। परिचर्चा के बाद मंत्री महोदय ने एनआरसीसी की अनुसंधान से जुड़ी गतिविधियों का अवलोकन करते हुए वैज्ञानिकों से चर्चा की और बीकानेर में आयोजित राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव में भी शरीक होंगे। परशोत्तम रुपाला ने कहा कि वैसे तो बीकानेर प्रवास का मूल उद्देश्य संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित “राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव” में शामिल होना था तथापि  हमने यह तय किया है कि जहां भी जाएंगे और जितना संभव हो सकेगा, हम पशुपालन के क्षेत्र में सबसे निचले पायदान पर खड़े घुमंतू पशुपालक भाई-बहनों से सीधा संवाद करेंगे। जन-केंद्रित सुशासन का प्रधानमंत्री जी का उद्घोष हमारी इस प्रतिबद्धता का प्राण तत्व है।

संसदीय कार्य और संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भी घुमन्तू पशुपालकों एवं संबद्ध समुदाय से बातचीत की। इस परिचर्चा को ध्यान में रखते हुए केन्द्र परिसर में प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है। डॉ. साहू ने बताया कि इस प्रदर्शनी कार्यक्रम के माध्यम से  भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद के बीकानेर स्थित पशु विज्ञान संबद्ध संस्थानों/केन्द्रों यथा- भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र सहित भाकृअनुप- राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र, केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान तथा विविध संगठनों जैसे- सहजीवन संस्था, गुजरात, उरमूल (बज्जू) नाबार्ड बीकानेर आदि की उन्नत व अभिनव प्रौद्योगिकी एवं योजनाओं संबंधी जानकारी को मंत्री महोदय तथा इस अवसर के दौरान सम्मिलित घुमन्तू पशुपालक समुदाय के समक्ष प्रदर्शित किया गया।

 

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www.amazon.in/dp/9392581181/

https://www.flipkart.com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

 

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

ये अजमेर दरगाह नहीं शिव मंदिर है, दावे का सर्वे कराने के लिए याचिका स्वीकार

जयपुर. अजमेर शरीफ दरगाह की जगह पर शिव मंदिर होने का दावा करने वाली हिंदू पक्ष की …