मुंबई. Apple ने भारत के पक्ष में बड़ा फैसला लिया है। अब कंपनी नए सप्लायर के रूप में भारत, जापान और साउथ कोरिया को रखना चाहती है। इन्हीं देशों से वह अपने गैजेट्स के लिए जरूरी पार्ट्स लिया करेगी। भारत में कॉन्ट्रैक्ट मैनुफैक्चरर से ऐपल ने इस बारे में संपर्क भी किया है। कंपनी ने ये फैसला सरकार के आयात को मंजूरी में होने वाली देरी को लेकर लिया है। बता दें, चीनी कंपनियां इससे पहले फोन के कई जरूरी पार्ट्स सप्लाई करती थी, जिसमें बैटरी, कैमरा लेंस, चार्ज और अन्य इक्विप्मेंट शामिल थे। इन्हें कंपनी अपने फ्लैगशिप भारत में बनने वाले iPhone और iPads में यूज करती थी। जनवरी में, Apple के लिए पार्ट्स बनाने वाली 17 चीनी कंपनियों ने सरकारी क्लीयरेंस के लिए अप्लाई किया था। इसमें भारत में मैनुफैक्चरिंग फैसिलिटी स्थापित करने के लिए कहा गया था।
17 में से 14 कंपनियों को शुरुआती अप्रूवल दे दिया गया था। 4 कंपनियों को मिलने वाले अप्रूवल में देरी हुई थी। जबकि 6 अन्य कंपनियों ने सरकार को बताया था कि वह भारत में सेटअप लगाने के इच्छुक नहीं हैं। चार कंपनियों के स्टेटस के बारे में जानकारी नहीं मिली थी। जनवरी में कंपनियों को सिर्फ शुरुआती अप्रूवल ही दिया गया था क्योंकि सभी कंपनियां चीनी थीं। राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे को ध्यान में रखते हुए ही ये अप्रूवल ही दिए गए थे। एनवायरमेंट क्लीयरेंस भी एक मुद्दा था और अप्रूवल देने से पहले एक्सपर्ट कमेटी से इस पर सलाह भी ली गई थी। 14 कंपनियों में Sunny Optical Technology Group और Han’s Laser Technology Industry Group शामिल ते। इसी में Airpods बनाने वाली Luxshare-ICT और Semiconductor Shenzhen China का नाम शामिल था। Apple के ज्यादातर पार्टस बनाने वाली कंपनियां चीनी ही हैं।
Tata Electronics अभी भारत में इकलौता Apple वेंडर है। Tata भी भारत में अपनी केसिंग फैसेलिटी को दोगुना करने पर काम कर रही है। पिछले कुछ सालों में Apple ने चीन से बाहर भारत में अपने प्रोडक्ट बनाने पर जोर दिया है। Apple के सबसे बड़े मैनुफैक्चरिंग सर्विस प्लेयर अब भारत में है। Foxconn, Pegatron और Wistron को Tata Electronics ने टेकओवर कर लिया था।
साभार : नवभारत टाइम्स
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