नई दिल्ली (मा.स.स.). स्टार्ट-अप और उद्यमियों द्वारा एक राष्ट्र की प्रगति में वृद्धि होती है। एक मजबूत नवाचार इकोसिस्टम बनाने के लिए, पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय (एमओपीएसडबल्यू) ने ‘सागरमाला नवाचार और स्टार्ट-अप नीति’ के बारे में प्रारूप जारी किया है। इस प्रारूप नीति का उद्देश्य भारत के बढ़ते समुद्री क्षेत्र के भविष्य का सह-निर्माण करने के लिए स्टार्ट-अप और अन्य संस्थाओं का पोषण करना है। यह देश में नवाचार और स्टार्टअप की सुविधा के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम बनाने के लिए संगठनों के गहन सहयोग की आवश्यकता है जो स्थायी विकास को बढ़ावा देगा और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करेगा।
यह संचालन, रखरखाव और बुनियादी ढांचे के विकास के क्षेत्रों में दक्षता को बढ़ावा देने के लिए समस्याओं और चुनौतियों का समाधान करने के लिए नए विचारों और दृष्टिकोणों को तैयार करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों, सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र और विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के बीच आपस में सहयोग और समन्वय को प्रोत्साहन देता है। केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “स्टार्ट-अप इंडिया नीति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मस्तिष्क की उपज है और यह पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय द्वारा राष्ट्र में स्टार्ट-अप तथा नवाचार को प्रोत्साहन देने के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम विकसित करने के लिए उठाया गया सही कदम है। यह निश्चित रूप से नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहन देगा। इस नीति के माध्यम से, पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय स्टार्ट-अप्स को नवाचारों के माध्यम से प्रोत्साहन प्रदान करने और समृद्ध होने में सक्षम बनाना चाहता है।”
डिज़ाइन की गई रूपरेखा विभिन्न हितधारकों के बीच दायित्वों और लाभों के वितरण को सक्षम बनाती है। यह केवल मौजूदा हितधारकों तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसमें नवीन विचारों वाले उभरते युवा उद्यमी भी शामिल हैं। प्रारूप नीति ने स्टार्टअप के फलने-फूलने के लिए कई प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की है, जिसमें डीकार्बोनाइजेशन, डेटा के माध्यम से प्रक्रियाओं का अनुकूलन, समुद्री शिक्षा, बहु-मॉडल परिवहन, विनिर्माण, वैकल्पिक/अग्रिम सामग्री, समुद्री साइबर सुरक्षा, स्मार्ट संचार और समुद्री इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं। ‘सागरमाला नवाचार और स्टार्ट-अप नीति’ के प्रारूप का विवरण निम्न प्रकार से है:
- पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करने वाले स्टार्टअप्स का डिजिटल पोर्टल आधारित चयन
- एक न्यूनतम व्यावहारिक उत्पाद/सेवाएं(एमवीपी) बनाने के लिए अनुदान, बाजार में प्रवेश या उसमें वृद्धि सहित मालिकाना प्रौद्योगिकी का व्यावसायीकरण
- परीक्षण करने, प्रायोगिक परियोजनाओं को सुविधाजनक बनाने, कार्य करने की जगह स्थापित करने और उत्पादों तथा समाधानों को अपनाने के लिए बंदरगाहों पर’लॉन्च पैड’ का निर्माण
- नवाचार के विशिष्ट प्रयासों को मान्यता देते हुए समुद्री क्षेत्र में वार्षिक स्टार्ट-अप पुरस्कार
- क्रेता-विक्रेता बैठकें आयोजित करना और वीडियो कॉन्फ्रेंस के लिए तकनीकी ज्ञान की सहायता प्रदान करना
- स्टार्ट-अप के पंजीकरण और उद्योग तथा आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग(डीपीआईआईटी) की मान्यता प्राप्त करने सहित समुद्री क्षेत्र में आशाजनक विचारों वाले गैर-पंजीकृत स्टार्ट-अप और व्यक्तियों के लिए मार्गदर्शन
- निविदाओं और उप-अनुबंध में विनियामक समर्थन
- आईपी-पेटेंट फाइलिंग, कंपनी पंजीकरण, वार्षिक फाइलिंग और क्लोजर के लिए स्टार्ट-अप के लिए कानूनी और अकाउंटेंसी बैक अप
स्टार्ट-अप्स का प्रोत्साहन समुद्री नवाचार केंद्र (एमआईएच) के विकास के माध्यम से होगा जो निम्नलिखित कार्य करेगा:
- विकसित किए गए उत्पाद के बारे में स्टार्टअप यात्रा के सभी पहलुओं को कवर करने के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ इनक्यूबेटर और एक्सीलरेटर विकसित करना।
- उभरते उद्यमियों की सहायता के लिए सभी प्रासंगिक जानकारी युक्त केंद्रीकृत भंडार विकसित करना
- योग्य स्टार्ट-अप व्यवसायों और नवीन समुद्री प्रौद्योगिकी के लिए निवेश आकर्षित करना
- समुद्री उद्योग के विभिन्न पहलुओं के बारे में’जानकारी’ सत्रों के माध्यम से उद्यमी विकास और नवाचार केंद्रित कार्यक्रमों की शुरूआत
- मेंटरशिप, नॉलेज शेयरिंग के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय हितधारकों के साथ सहयोग करें और वैश्विक विषय वस्तु विशेषज्ञों, सीरियल एंटरप्रेन्योर्स, बिजनेस लीडर्स और निवेशकों तक पहुंच की सुविधा प्रदान करें, जो भारत में अपना प्रवेश और स्केलिंग प्राप्त करने की क्षमता रखते हैं।
पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय यह साझा करते हुए गर्व महसूस कर रहा है कि सागरमाला परियोजना के 8 सफल वर्षों के दौरान, समुद्री क्षेत्र ने बंदरगाह के नेतृत्व वाले विकास के सभी संभावित अवसरों पर कब्जा कर लिया है। अब, यह नीति एक मजबूत समुद्री नवाचार इकोसिस्टम के निर्माण के लिए एक दीर्घकालिक कार्य योजना, नेटवर्क, बुनियादी ढांचा और अन्य संसाधन स्थापित करने के लिए एक क्षेत्र भी तैयार करेगी।
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